Sunday, April 28, 2024
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‘द टेलीग्राफ’ ने वामपंथी संपादक को बनाया ‘एडिटर एट लार्ज’, मोदी विरोधियों को आ रही साजिश की बू: संकर्षण ठाकुर बने नए एडिटर

आर राजगोपाल साल 1996 से 'द टेलीग्राफ' के साथ पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्हें 2016 में टेलीग्राफ का एडिटर बनाया गया था।

वामपंथी विचारधारा की तरफ झुकाव रखने वाले अखबार ‘द टेलीग्राफ’ के संपादक आर राजगोपाल का प्रमोशन हो गया है। एबीपी ग्रुप ने उन्हें एडिटर से ‘एडिटर एट लार्ज’ के पद पर प्रमोट कर दिया है। शनिवार (20 सितंबर, 2023) को उन्हें प्रमोशन मिला। राजगोपाल ने साल 1996 में ‘द टेलीग्राफ’ ज्वॉइन किया था और 2016 में वो एडिटर बने थे। करीब 9 साल तक वो इस पद पर रहे और अब उन्हें प्रमोट कर दिया गया है।

संकर्षण ठाकुर को बनाया गया एडिटर

‘द टेलीग्राफ’ के स्वामित्व वाले आनंद बाज़ार पत्रिका (ABP) समूह द्वारा प्रकाशित एक नोटिस में इस बदलाव की जानकारी दी गई। आर राजगोपाल की जगह संकर्षण ठाकुर को एडिटर पर पद नियुक्त किया गया है। नोटिस के मुताबिक, ठाकुर और राजगोपाल दोनों अखबार के मुख्य संपादक और प्रकाशक को रिपोर्ट करना जारी रखेंगे। घटनाक्रम सामने आने के बाद सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास ने आशंका जताई है कि राजगोपाल को पीएम मोदी की वजह से संपादक पद से हटाया गया।

सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “टेलीग्राफ निश्चित रूप से आशा की आखिरी उम्मीद खत्म होती नजर आ रही है, ये ‘मोदीफाइड’ मीडिया की तरफ बढ़ता कदम है। मुझे उम्मीद है कि संकर्षण भी साहसिक पत्रकारिता की अगुवाई करेंगे।”

वामपंथी मीडिया का रोना भी शुरू

सीमा सेनगुप्ता नाम की ‘पत्रकार’ ने आर राजगोपाल को ‘द टेलीग्राफ’ के संपादक पद से हटाने के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। ये अलग बात है कि वो अब वो उसी संस्थान में ‘एडिटर एट लार्ज’ बनकर काम कर रहे हैं, संस्थान में बने हुए हैं लेकिन एक अलग रोल में।

बता दें कि आर राजगोपाल पूर्व में ‘द इकोनॉमिस्ट टाइम्स’ और ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ के पॉलिटिकल बीट पर काम कर चुके हैं। वो मूल रूप से मलयाली भाषी हैं, लेकिन पूरा जीवन अंग्रेजी पत्रकारिता को समर्पित रहे हैं।

नए एडिटर ने बदला अपना ट्विटर बायो

इस बीच, ‘द टेलीग्राफ’ के नए एडिटर संकर्षण ठाकुर ने अपना ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) बायो अपडेट किया है और अखबार का ई-पेपर पोस्ट किया है। जैसा कि ई-पेपर से साफ है कि टेलीग्राफ अपने राजनीतिक विचारों को बदलता नहीं दिख रहा है, वो पहले की तरह ही लेफ्ट लाइन पर पत्रकारिता करता रहेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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