उत्तरप्रदेश से पिछले एक साल में दो गैंगस्टर का खात्मा हुआ। एक का नाम मुख्तार अंसारी है और दूसरे का अतीक अहमद। दोनों के दहशत के कई किस्से हर जगह मौजूद हैं। बताया जाता है कि मुख्तार के मन में पिछले साल से अपनी मौत का खौफ बसा था क्योंकि उसने अतीक की हत्या की खबर सुन ली थी। 28 मार्च को पता चला कि उसे भी हार्ट अटैक आ गया और अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इन दोनों गैंगस्टरों के बारे में पूछने पर जहाँ हर कोई इनके दहशत की कहानियाँ सुनाता है तो वहीं कुछ ऐसे भी दिखते हैं जो इन्हें रॉबिनहुड आदि कहकर इनका महिमामंडन करने से पीछे नहीं हटते। राजदीप सरदेसाई उन्हीं लोगों की लिस्ट में आते हैं जिन्हें मुख्तार और अतीक के कुकर्मों से ज्यादा उनके हाथ का बना चिकेन याद आता है।
राजदीप ने इस किस्से का जिक्र पिछले साल द लल्लनटॉप को इंटरव्यू देते समय किया था। वेबसाइट और यूट्यूब चैनल द लल्लन टॉप के नेतानगरी कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने माफियाओं के साथ अपनी मुलाकात को याद किया था और बताया था कि दोनों कितना बढ़िया खाना बनाते थे। अब मुख्तार की मौत के बाद उनकी वीडियो फिर चर्चा में है।
48 मिनट के बाद वाले स्लॉट के बाद उन्होंने कहना शुरू किया, “वर्ष 1996 में यूपी विधानसभा चुनाव के वक्त मैं दो महाशय से मिला। एक थे मुख्तार अंसारी और दूसरे अतीक अहमद। एक बात दोनों की हमेशा याद रहेगी। दोनों ने मुझे बहुत अच्छा डिनर खिलाया।”
राजदीप ने आगे दोनों माफियाओं की तारीफ करते हुए कहा कभी उन्हें महाशय कहा, कभी साहब कहा तो कभी बेहतरीन कुक बताया। वीडियो में सुना जा सकता है वह कहते हैं, “ये जो डॉन होते हैं, जब आप इनके बारे में पढ़ते हैं तो आपको लगता होगा कि डॉन बहुत भयानक होंगे, डराएँगे लेकिन दोनों ने बड़े सभ्य तरीके से व्यवहार किया। मेरी पत्नी सागरिका भी अतीक अहमद से मिली। अतीक ने मेरी पत्नी सागरिका के साथ डिसेंट मैनर में मुलाकात की और तहजीब के साथ बात की।”
राजदीप ने कहा कि उन्होंने अतीक अहमद से मुलाकात के समय उनको याद दिलाया कि वो जिस लोकसभा (फुलपुर) से जीते हैं वह देश के पहले प्रधानमंत्री का पहला संसदीय क्षेत्र रहा था। इस पर अतीक हँसा और फिर नेहरू की प्रतिमा के सामने पोज देकर फोटो खिंचवाई।
राजदीप इतना इंटरेस्ट लेकर अतीक और मुख्तार अंसारी की बात बताते हैं कि उनके क्रिमिनल रिकॉर्ड से हटकर वो दर्शकों को ये समझाने लगते हैं कि दोनों भले ही गैंगस्टर थे लेकिन वो लोग फोटो फ्रेंडली थे। राजदीप दो गैंगस्टरों के लिए कहते सुनाई पड़ते हैं- “अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी कैमरे के लिए बने थे।”
एक घंटे के कार्यक्रम में मुख्तार अंसारी को 52वें मिनट पर मुख्तार अंसारी द्वारा खिलाया गया तंदूरी चिकन याद आता है। राजदीप कहते हैं, वेरी गुड तंदूरी चिकन। मैंने मुख्तार अंसारी से कहा मुख्तार अंसारी अच्छा खाना पकाते हैं।” इसके बाद सौरभ द्विवेदी उन्हें टोकते भी हैं कि वो भ्रमित हो रहे हैं, लेकिन राजदीप को देख ऐसा बिलकुल नहीं लगता कि उन्हें गैंगस्टरों से जुड़े ऐसे किस्से याद करने का कोई मलाल है। वो ऐसे दिखाते हैं कि ये अपराधी जैसी बातें तो सबको पता ही है वो क्रिमिनल है। लेकिन ये जानकारी भी तो होना चाहिए।