वामपंथी प्रोपेगेंडा पोर्टल ‘द वायर’ के सह संस्थापक और महिलाकर्मियों के साथ यौन शोषण के आरोपित सिद्धार्थ भाटिया को मुंबई प्रेस क्लब का अध्यक्ष चुना गया है। शनिवार (6 फरवरी 2021) को मुंबई प्रेस क्लब के चुनाव हुए थे, जिसमें सिद्धार्थ भाटिया ने सुधाकर कश्यप के खिलाफ जीत दर्ज की।
पत्रकार स्मिता देशमुख ने ट्वीट करते हुए इस बात की जानकारी दी कि घनघोर वामंथी पत्रकारों ने ‘प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक अलायन्स’ (Progressive Democratic Alliance) नाम का समूह बना कर मुंबई प्रेस क्लब का चुनाव लड़ा। इसमें सिद्धार्थ भाटिया ने अध्यक्ष पद के लिए, इंडियन एक्सप्रेस के वामपंथी पत्रकार गुरबीर सिंह ने चेयरमैन और महाराष्ट्र टाइम्स के समर खलदस ने वाइस चेयरमैन पद के लिए चुनाव लड़ा था।
The United radical Left of Mumbai Press Club #SundayMorning pic.twitter.com/ynb4VljzYj
— Smita Deshmukh (@smitadeshmukh) February 7, 2021
एक अन्य पत्रकार श्रीकांत भोंसले के मुताबिक़ प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक अलायन्स ने क्लब के पदाधिकारियों के लिए 6 उम्मीदवार उतारे थे और 10 अन्य को समिति के सदस्यों के लिए उतारा था। इन सभी 16 उम्मीदवारों की अगुवाई घनघोर वामपंथी ‘पत्रकार’ सिद्धार्थ भाटिया ने की थी और सभी ने मुंबई प्रेस क्लब के चुनावों में जीत हासिल की है।
.@mumbaipressclub ELECTION 2021: RESULTS
— Shrikant Bhosale। श्रीकांत (@shrikantspeak) February 6, 2021
PRESIDENT
Sidharth Bhatia : 365 votes (won)
Sudhakar Kashyap: 206 votes
CHAIRPERSON@gurbir110 has been elected unopposed
VICE CHAIRPERSON
Samar Khadas: 408 votes (won)
Anita D. Shukla: 161 votes
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2018 के दौरान #Metoo अभियान काफी चर्चा में था। इसमें तमाम दिग्गजों पर कई गंभीर आरोप सामने आए थे। उसी दौरान एक महिला ने सिद्धार्थ भाटिया पर यौन शोषण का आरोप लगाया था।
सहकर्मियों ने भी लगाया था यौन शोषण का आरोप
#Metoo अभियान के दौरान दो अलग-अलग घटनाओं में, दो अलग-अलग महिलाओं ने सिद्धार्थ भाटिया पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अपनी पावर और पोजिशन का इस्तेमाल करके उनका शोषण किया था। एक महिला के मुताबिक़ भाटिया DNA में रहते हुए नई इंटर्न्स को लिखने से जुड़ी बारीकियाँ समझाने के बहाने अपने झाँसे में लेता था। वहीं एक ट्विटर यूजर ने आरोप लगाया था भाटिया दफ्तर में महिलाकर्मियों की ब्रा की स्ट्रिप देख कर होठों का निचला हिस्सा चाटना शुरू कर देता था।
हालाँकि DNA के कार्यकाल से जुड़े महिला के आरोपों को भाटिया ने खारिज कर दिया था। भाटिया के मुताबिक़ जब वो DNA में काम करते थे, तब वहाँ इस नाम की कोई महिला काम नहीं करती थी। इसके अलावा भाटिया ने द वायर की कर्मचारी रह चुकी महिला के आरोपों पर कहा कि वो सच नहीं है क्योंकि द वायर हिन्दी में कोई महिला कर्मचारी नहीं थी।
इस तरह के तमाम आरोपों के सामने आने के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उन पर आरोप लगाने वाले ट्विटर हैंडल्स की जाँच हो। भाटिया ने यहाँ तक दावा किया था कि उन्होंने महिलाओं से कहा था कि वह मामले से जुड़ी अधिक जानकारी के साथ आगे आएँ लेकिन ऐसा किसी ने नहीं किया।
देश की इकलौती ‘फ़ेक न्यूज़’ वेबसाइट – The Wire
ख़बरों से ज़्यादा विवादों के चलते सुर्ख़ियों में रहने वाले वामपंथी मीडिया समूह ‘द वायर’ हिन्दू विरोधी विचारधारा और देश विरोधी नैरेटिव को बढ़ावा देने के लिए मशहूर है। स्वघोषित ‘समाचार वेबसाइट’ की शुरुआत अमेरिकी नागरिक सिद्धार्थ वरदराजन, एमके वेणु और सिद्धार्थ भाटिया ने की थी। ये वेबसाइट फर्जी ख़बरें फैलाने और प्रोपेगेंडा प्रचार करने के लिए मशहूर है।
ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब द वायर झूठ परोसते हुए नज़र आया है लेकिन इन्होंने अपने झूठ के लिए कभी माफ़ी नहीं माँगी। उन तमाम झूठों में ये कुछ झूठ हैं, जो द वायर ने पत्रकारिता के नाम पर परोसे हैं।
द वायर के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर फेक न्यूज़ फैलाने पर एफ़आईआर दर्ज की गई थी। इसके अलावा पूर्व न्यूज एंकर विनोद दुआ पर भी दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों के दौरान गलत रिपोर्टिंग करने और जनता के बीच भ्रम पैदा करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। विनोद दुआ पर भी यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे।