देश विरोधी गतिविधियों को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगाने के बाद भी सोशल मीडिया साइट ट्विटर (Twitter) पर कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा है। ट्विटर PFI से जुड़े हैंडल को अभी भी ब्लू टिक देकर उसे एमिनेंट (प्रख्यात) का दर्जा दिए हुए है।
PFI का यह हैंडल कर्नाटक शाखा की है। Popular Front – Karnataka नाम के ट्विटर हैंडल से 27 सितंबर 2022 की रात को PFI के नेताओं को रिलीज करने की माँग भी की गई है। यह वही समस्य है, जब इसके 300 से अधिक नेताओं को गिरफ्तार करने के बाद केंद्र ने इस पर 5 साल के बैन लगाने का निर्णय लिया।
Let's stand with our #HeroesOfUmmah
— Popular Front -Karnataka (@PFIkarnataka) September 27, 2022
The fight against fascism they put forward will always remain the same.#StandWithPFI #ReleasePFILeaders #IndiaWithPFI #WeWithPFI pic.twitter.com/1FnoBys5th
सरकार द्वारा बैन लगाने के बाद भी कर्नाटक PFI के ट्विटर हैंडल के ब्लू टिक को नहीं हटाने पर सोशल मीडिया यूजर्स ने ट्विटर के भारत विरोधी रवैए की आलोचना की है। लेखक आनंद रंगनाथन ने भी इसको लेकर ट्विटर की आलोचना की है।
रंगनाथन ने कहा, “यह अविश्वसनीय है कि आतंकी गतिविधियों को लेकर PFI पर प्रतिबंध के बावजूद @Twitter अभी भी @PFIkarnataka को न केवल उसकी सत्यापित (Verified) स्थिति बनाए को बनाए रखा है, बल्कि अपने ही नियमों का उल्लंघन करते हुए भारत विरोधी इस्लामवादी प्रचार भी फैला रहा है।”
Quite incredible that, despite the ban on PFI for its terror activities and associations, @Twitter is still allowing @PFIkarnataka to not only maintain its verified status but also disseminate blatant anti-India, Islamist propaganda, clearly violating its own rules. @Rajeev_GoI https://t.co/zm6FTsjyfd
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) September 28, 2022
बता दें कि मोदी सरकार ने सोशल मीडिया की जवाबदेही तय करने की बात कही थी तो यही ट्विटर कोर्ट में चला गया था। इसके पहले भारत विरोधी कंटेंट को हटाने के लिए भारत सरकार द्वारा बार-बार कहने के बावजूद ट्विटर किसान आंदोलन के समय उन कंटेंट को नहीं हटा रहा था।
इसी साल मार्च में दिल्ली हाईकोर्ट ट्विटर को फटकार चुका है। कोर्ट ने कहा था कि हिंदू देवी-देवताओं को गाली देने वाले हैंडल को ट्विटर ब्लॉक नहीं करता, जबकि अन्य मजहब के प्रति अगर कोई हैंडल ऐसा करता है तो उस पर वह तुरंत कार्रवाई करता है।
यह वही ट्विटर है, जो वो लद्दाख (Ladakh) को चीन का हिस्सा दिखा चुका है। इसके अलावा B.1.617 को कोरोना का भारतीय वेरिएंट बताने को आगे बढ़ा चुका है और भाजपा नेताओं के कंटेंट्स पर ‘भ्रामक मीडिया’ का टैग लगा चुका है। ट्विटर का यह दोहरा रवैया भारत विरोधी और हिंदू विरोधी दोनों है।