Saturday, November 16, 2024
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अर्णब की जमानत को लेकर SC में कल होगी सुनवाई: सुरक्षा को लेकर भी बढ़ी चिंता, सेशन कोर्ट ने बृहस्पतिवार तक टाली हियरिंग

आज मंगलवार को तलोजा जेल में अर्णब की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दो अन्य याचिकाएँ दायर की गई हैं। इन याचिकाओं में अर्णब के लिए अंतरिम राहत देने और महाराष्ट्र पुलिस को उनकी पूछताछ की प्रक्रिया के लिए निर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया गया है।

अर्णब गोस्वामी ने अपनी अंतरिम जमानत याचिका खारिज करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट कल (नवंबर 11, 2020) रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा।

बता दें कि हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने सोमवार को 2018 की आत्महत्या के मामले में उनकी अंतरिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद अर्णब को सेशन कोर्ट भेज दिया था। वहीं अर्णब के वकीलों ने आज सुप्रीम कोर्ट में भी जमानत याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और इंदिरा बनर्जी की पीठ के समक्ष कल यह सुनवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि इससे पहले न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और एमएस कार्णिक की पीठ ने अर्णब गोस्वामी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि उनके पास सेशन कोर्ट में अपील करने का विकल्प देते हुए कहा था कि वह सेशन कोर्ट में भी जमानत याचिका दायर कर सकते हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट को चार दिन के अंदर इस मामले पर फैसला सुनाने के लिए कहा था।

इस बीच, अलीबाग सत्र अदालत ने अर्णब गोस्वामी की नियमित जमानत याचिका को आज सुनवाई के बाद, बृहस्पतिवार को अगली सुनवाई के लिए टाल दिया है। पुलिस ने तर्क दिया है कि यदि सत्र अदालत पुलिस हिरासत देती है, तो जमानत याचिका अनैतिक हो जाएगी। सत्र अदालत में मुंबई पुलिस ने अर्णब गोस्वामी की न्यायिक हिरासत को चुनौती देते हुए जमानत अर्जी और पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के लिए अर्जी दिया है जिसपर भी बृहस्पतिवार को सुनवाई होगी।

इसके अलावा आज मंगलवार को तलोजा जेल में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्णब की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दो याचिकाएँ दायर की गई हैं। इन याचिकाओं में अर्णब के लिए अंतरिम राहत देने और महाराष्ट्र पुलिस को उनकी पूछताछ की प्रक्रिया के लिए निर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया गया है।

रिपब्लिक मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के वकील सुभाष झा और आचार्य विक्रमादित्य द्वारा शीर्ष अदालत में दोनों याचिकाओं को अलग-अलग दायर किया गया है और दोनों में जेल में अर्णब गोस्वामी की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, आचार्य विक्रमादित्य ने अपनी दलील में शीर्ष अदालत से डीडी बसु मामले में दिए गए आदेश को याद दिलाते हुए मुंबई पुलिस को निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है, जिसमें कानून के तहत, गिरफ्तार लोगों से पूछताछ करने वाले सभी लोगों के नाम को रिकॉर्ड पर रखने की जरूरत होती है। इसमें याचिका में यह भी कहा गया है, “गिरफ्तारी के ज्ञापन को परिवार के एक सदस्य द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए जिन्हें उनके ठिकाने के बारे में अवगत कराया जाना चाहिए जहाँ उन्हें ले जाया जा रहा है।”

गौरतलब है कि अर्णब गोस्वामी को चार नवंबर को उनके घर से 2018 के अन्वय नाइक मामले में, एक बंद हुए केस में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद महाराष्ट्र पुलिस ने उन्हें अलीबाग कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अर्णब को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। जिसके बाद उन्हें अलीबाग क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था। हालाँकि, आठ नवंबर को अर्णब गोस्वामी को मोबाइल चलाने का आरोप लगाकर तलोजा जेल शिफ्ट कर दिया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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