Tuesday, November 5, 2024
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तेजस्वी की भीड़ ‘इंक्रिडिबल’, मोदी की भीड़ से कोरोना: स्टार प्रचारक सागरिका घोष ने बाँटा ज्ञान

सागरिका घोष ने अखबार में प्रकाशित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की त्योहारों में कोरोना के प्रसार का ध्यान रखने वाली सलाह ट्वीट करते हुए लिखा कि किसी की खुशियों में खलल ना पड़े इसके लिए बेहतर होगा कि वो खुद उदाहरण पेश कर बिहार में चुनावी रैलियाँ ना करें।

दक्षिणपंथी दलों और विचारधारा को निशाना बनाना मीडिया गिरोह से लेकर लिबरल जमात का पहला पेशा बन चुका है। इसी क्रम में प्रोपेगेंडा पत्रकार सागरिका घोष ने बिहार में तेजस्वी यादव की चुनावी रैली को तो ‘इंक्रिडिबल’ बताया मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ये नसीहत देती देखी गई कि उन्हें कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए बिहार में चुनावी रैली नहीं करनी चाहिए।

मीडिया गिरोह का दोहरा रवैया अब कोई छुपी हुई बात नहीं रह गई है। सुशांत सिंह राजपूत केस में रिया चक्रवर्ती का प्रोपेगेंडा इंटरव्यू लेकर उनके हित में माहौल बनाने की कोशिश करने वाले पत्रकार राजदीप सरदेसाई की पत्नी सागरिका घोष इस तरह के कारनामों में उनकी भी गुरु हैं।

सागरिका घोष ने बुधवार (अक्टूबर 21, 2020) की सुबह अखबार में प्रकाशित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के त्योहारों में कोरोना के प्रसार का ध्यान रखने वाली सलाह ट्वीट करते हुए लिखा कि किसी की खुशियों में खलल ना पड़े इसके लिए बेहतर होगा कि वो खुद उदाहरण पेश कर बिहार में चुनावी रैलियाँ ना करें। सागरिका ने कहा कि ऐसा ना करने से बिहार कोरोना हॉटस्पॉट बन जाएगा और लोग मरेंगे जबकि नेता शासन करेंगे।

इस ट्वीट के कुछ ही घंटों बाद लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव की चुनावी रैली की तस्वीरें देखकर मानो सागरिका घोष सुबह दिया हुआ अपना ज्ञान भूल बैठी और उसने इसे ट्वीट करते हुए लिखा, “इंक्रिडिबल, क्या इस बार के समीकरण बिहार की धूल साफ़ करेंगे? आगे आगे देखिए होता है क्या?”

वास्तव में सागरिका ने जो वीडियो ट्वीट कर ये ज्ञान दिया था, वह मनोज कुमार झा द्वारा शेयर किया हुआ था। मनोज झा ने अपने ट्वीट में लिखा था, “ये बिहार की तस्वीर है आज की 12 सभाओं में सिर्फ एक जनसभा की। गौर से देखिए ये महज सभा नहीं बल्कि बदलाव का शंखनाद है। सारे चुनावी विशेषज्ञ स्तब्ध हैं। जातिगत अंकगणित की कहानियाँ खत्म हो रही हैं। इस बार जीतेगा बिहार। #IsBaarTejashwiTayHai”

सागरिका द्वारा यह ज्ञान एक तरह से अप्रत्यक्ष रूप से तेजस्वी यादव की ‘लहर’ को और हवा देने के लिए था। वह तेजस्वी यादव की लगभग हर रैली के वीडियो ही किसी ना किसी फर्जी ज्ञान के सहारे ट्विटर पर शेयर करते हुए देखी जा सकती है।

यही वजह है कि इस दोहरे व्यवहार के कारण सागरिका घोष ट्विटर यूजर्स के निशाने पर है और उनके तेजस्वी यादव को लेकर दिखाए जा रहे उत्साह की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए दिए जाने वाले ज्ञान से की जा रही हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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