यूनाइटेड किंगडम (UK) को ऋषि सुनक के रूप में नया प्रधानमंत्री मिला है। वहाँ के मीडिया संस्थान ‘द गार्जियन’ उन्हें सिर्फ इसीलिए निशाना बना रहा है, क्योंकि वो हिन्दू हैं और भारतीय मूल के हैं। यही अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान भारत में अल्पसंख्यकों (मुस्लिमों, जिनकी जनसंख्या ब्रिटेन की कुल जनसंख्या का 3 गुना है) की तथाकथित प्रताड़ना का रोना रोते हैं, अपने ही देश में एक ऐसे अल्पसंख्यक समुदाय के नेता पर निशाना साध रहे हैं जिनकी जनसंख्या 2% से भी कम है।
खास बात यह है कि इस लेख को पंकज मिश्रा नामक उपन्यासकार ने लिखा है। उनका दावा है कि ऋषि सुनक ‘कंजर्वेटिव पार्टी’ की विविधता वाली दृष्टि को ध्वस्त कर रहे हैं। लेखक का ये नहीं मानना है कि यूके को एक अल्पसंख्यक प्रधानमंत्री मिलना ऐतिहासिक क्षण है, बल्कि उनका कहना है कि भारत से लेकर ब्रिटेन तक हुए हो-हंगामे के कारण ऐसा दिखाया जा रहा है। पंकज मिश्रा ने ‘हिन्दू सुप्रेमासिस्ट्स’ (राष्ट्रवादी और भाजपा समर्थकों के लिए वामपंथियों/इस्लामवादियों द्वारा प्रयोग किया जाने वाला शब्द) का जिक्र करते हुए कहा कि उनके लिए ऋषि सुनक ‘देशी ब्रो’ हैं।
‘द गार्जियन’ में प्रकाशित इस लेख में कहा गया है कि ये हिन्दू ऐसा सोचते हैं कि ऋषि सुनक भारत के गुप्त एजेंट हैं, जो दुनिया भर भारत के कब्जे का एक हिस्सा हैं। ऋषि सुनक गोमांस और शराब से दूर रहते हैं, जिसे पंकज मिश्रा ने अपर कास्ट टैबू’ बताया है। ध्यान दीजिए, यहाँ हिन्दू न कह कर सवर्णों को गाली दी गई है। साथ ही ऋषि सुनक भगवान गणेश की मूर्ति अपने साथ रखते हैं, इसे लेकर भी उनकी आलोचना की गई है।
इसमें ऋषि सुनक के पहनावे पर भी निशाना साधा गया है और कहा गया है कि उन्होंने काफी सावधानी से अपनी छवि बनाई है। ‘द गार्जियन’ लिखता है कि ऋषि सुनक सूट-बूट में रहते हैं, इसीलिए वो एक धार्मिक हिन्दू नहीं लगते, जैसा कि महात्मा गाँधी अपने पहनावे से लगते थे। ये भी इशारा किया गया है कि कैसे वो अपने अरबपति ससुर नारायणमूर्ति (इंफोसिस के संस्थापक) की एक निवेश कंपनी में निदेशक रह चुके हैं।
This is one of the most vile and offensive attacks on someone based on their religion, particularly galling to attack him for his 'showy Hinduism'. Replace that religion with another few and there would be public outrage. Where did you pluck this sepoy from to insult his own? https://t.co/y3tRVXDo5W
— Saurav Dutt 🇮🇳 (@sd_saurav) October 29, 2022
इसमें ये बिलकुल नहीं माना गया है कि ऋषि सुनक का प्रधानमंत्री बनना अल्पसंख्यकों की विजय है। उन्होंने आरोप लगाया कि नया भारत गाँधीवादी मूल्यों को नीचा दिखाते हुए सत्ता और धन की तरफ भाग रहा है। जानबूझ कर ये लेख लिखवाने के लिए एक भारतीय को चुना गया, ताकि विवाद न हो। द गार्जियन’ लेस्टर और बर्मिंघम में हुए हिन्दू विरोधी दंगों में भी मुस्लिम आरोपितों को बचाते हुए हिन्दुओं को बदनाम कर चुका है। कई देशों में हिन्दू अहम मुकाम हासिल कर सत्ता में हस्तक्षेप करने की ताकत रखते हैं, इससे भी लेखक को दिक्कत है।