प्रोपेगंडा पोर्टल ‘The Wire’ ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ये दावा कर दिया कि अमित मालवीय इतनी ताकत रखते हैं कि फेसबुक या इंस्टाग्राम पर कोई पोस्ट उन्हें अच्छा नहीं लगे तो तुरंत हटवा सकते हैं। इस तरह मीडिया संस्थान ने भाजपा और Meta के कथित रिश्तों को लेकर दावे किए। हालाँकि, खुद लिबरल गिरोह के लोग उसकी बात नहीं मान रहे हैं। पत्रकारों, तकनीकी विशेषज्ञों और Meta के अधिकारियों के अलावा लिबरल गिरोह के लोग भी उसका यकीन नहीं कर रहे।
इसमें सबसे बड़ा नाम आता है आकर पटेल का, जो ‘एमनेस्टी इंडिया’ के मुखिया रह चुके हैं और खुद भाजपा विरोधी प्रोपेगंडा में महारत के लिए जाने जाते हैं। ‘The Wire’ ने दावा किया कि ‘Meta’ के अधिकारी एंडी स्टोन ने उसे ईमेल भेज कर ‘आतंरिक दस्तावेजों’ के लीक होने पर आपत्ति जताई। कंपनी का कहना है कि ये ईमेल भी उनका नहीं है। आकार पटेल ने भी इस ईमेल की भाषा पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसका स्टाइल देशी है, असामान्य तरीके का है।
It’s really sad to see them fall, and double down, for such an obvious fake. We need strong independent media willing to stand up to populist governments and big companies, but this ain’t it.
— Daniel Nazer (@danielnazer) October 11, 2022
उनके कहने का अर्थ था कि अमेरिकी कंपनी का कोई बड़ा अधिकारी इस तरह की भाषा में ईमेल नहीं लिख सकता। अर्थात, उनकी मानें तो किसी भारतीय की अंग्रेजी इस तरह की नहीं हो सकती, जैसी अमेरिकी लोगों की होती है। अंग्रेजी के कई अन्य जानकर भी कह रहे हैं कि एंडी स्टोन इस तरह का ईमेल नहीं लिख सकते। ‘Mozilla’ के अधिकारी डेनिएल नजर ने भी इसे फेक करार दिया। उन्होंने कहा कि ‘The Wire’ का इस तरह से नीचे गिरना दुःखी करने वाला है।
‘The Wire’ ने इस कथित ईमेल का स्क्रीनशॉट शेयर कर के ये तो जताना चाहा कि उसने ‘Meta’ का डॉक्यूमेंट ‘लीक’ कर के उन्हें भी हैरान कर दिया है, लेकिन इस ईमेल में स्पेलिंग मिस्टेक के साथ-साथ वाक्यों की संरचना भी गड़बड़ है। और सबसे बड़ी बात जानकर ये पूछ रहे हैं कि एक ईमेल में ‘लाइक’ बटन का क्या काम? जी हाँ, इस ईमेल में ‘लाइक’ बटन दिख रहा है। साथ ही नाम में टाइपो भी है। TMC के नेता डेरेक ओब्रायन जैसे लोग इस प्रोपेगंडा में ‘The Wire’ का समर्थन कर रहे हैं।
मीडिया संस्थान की कुलबुलाहट तो देखिए कि अपनी स्टोरी को पुष्ट दिखाने के लिए उसने सिंगापुर में माइक्रोसॉफ्ट के एक अधिकारी से ‘सर्टिफिकेट’ प्राप्त करने का दावा किया। ‘The Wire’ के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन ने दावा किया कि माइक्रोसॉफ्ट अधिकारी उज्जवल कुमार ने उनकी स्टोरी को वेरिफाई कर दिया है। फिर उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया। फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट की ईमेल सेवाएँ लेता है, इसीलिए ‘The Wire’ ने इस ‘सर्टिफिकेट’ का प्रदर्शन किया।