Sunday, November 17, 2024
Homeरिपोर्टमीडिया'दलित लड़कियों का रेप करना सवर्ण का अधिकार': पाकिस्तान में छपा मीडिया गिरोह ThePrint...

‘दलित लड़कियों का रेप करना सवर्ण का अधिकार’: पाकिस्तान में छपा मीडिया गिरोह ThePrint के पत्रकार का लेख

इस लेख में आरोपितों को बार-बार 'ठाकुर' कह कर सम्बोधित किया गया है। निर्भया गैंगरेप की तुलना कर के बताया गया है कि ये मामला अलग है क्योंकि 'आरोपित ठाकुर' हैं जबकि निर्भया मामले में कुछ शराब पिए हुए लोग थे, जो 'Fun' की खोज में थे।

भारत के मीडिया गिरोह विशेष को अब भारत में प्रोपेगेंडा फैलाने से मन भर गया है। तभी तो अब उनके लेख पाकिस्तानी मीडिया पोर्टलों में प्रकाशित हो रहे हैं और इसके द्वारा देश को भी बदनाम किया जा रहा है। पाकिस्तानी अख़बार ‘Dawn’ की वेबसाइट पर लिखे एक लेख में शेखर गुप्ता की ‘दि प्रिंट’ के शिवम विज ने ये नैरेटिव बनाने की कोशिश की है कि भारत के दलितों को उनकी जाति की वजह से यौन हिंसा का सामना करना पड़ता है।

इस लेख में शेखर गुप्ता के ‘दि प्रिंट’ में कार्यरत शिवम विज ने लिखा है कि कैसे हाथरस मामले को ‘एक दलित लड़की का बलात्कार’ बताने पर जो लोग ये कह रहे हैं कि इसमें जाति घुसाने की क्या ज़रूरत है या फिर जो ये पूछ रहे हैं कि क्या नॉन-दलितों का बलात्कार और उनकी हत्याएँ नहीं होती – वो सही नहीं हैं। उन्होंने नैरेटिव बनाया है कि इस मामले से जाति का बहुत कुछ लेना-देना है और दलितों के साथ यौन हिंसा के हर मामले में जाति का लेना-देना है।

इस लेख में आरोपितों को बार-बार ‘ठाकुर’ कह कर सम्बोधित किया गया है और निर्भया गैंगरेप की तुलना कर के बताया गया है कि कैसे ये मामला अलग है क्योंकि ‘आरोपित ठाकुर लोग’ और पीड़ित परिवार के पड़ोसी ही थे। लिखा गया है कि निर्भया मामले में कुछ शराब पिए हुए लोग थे, जो ‘Fun’ की खोज में थे। इस लेख में पीड़िता के भाई के हवाले से न्यूज़लॉन्ड्री में छपे बयान का जिक्र किया गया है।

पाकिस्तानी मीडिया पोर्टल में ‘दा प्रिंट’ के शिवम विज का लेख

इसमें दावा किया गया है कि जिस भी गाँव में अलग-अलग जाति के लोग हैं, वहाँ ‘उच्च जाति के लोग’ दलितों को परेशान करते हैं और ‘ठाकुर लोग’ ये तक बर्दाश्त नहीं कर पाते कि उनके खेतों में किसी दलित की भैंस चरने आ जाए। साथ ही पूछा गया है कि अगर आरोपित मुस्लिम होते तो उसके बाद आजकल क्या होता है, ये सबको पता है। बड़ी चालाकी से इस लेख में बलरामपुर वाली घटना का जिक्र ही नहीं है। इसमें लिखा है कि सवर्ण ये सोचते हैं कि उनका अधिकार है कि वो दलित लड़कियों का बलात्कार करें।

‘Dawn’ के इस लेख में भारत को बदनाम करने की कोशिश करते हुए शेखर गुप्ता के ‘दि प्रिंट’ के शिवम विज ने एक प्रोफेसर के हवाले से लिखा है कि क्या किसी ने कभी किसी दलित को ब्राह्मण लड़की का बलात्कार करते हुए सुना है? दावा किया गया है कि संदीप शराब पी कर अक्सर महिलाओं के साथ छेड़खानी किया करता था लेकिन उसके खिलाफ इसीलिए किसी ने शिकायत दायर नहीं की थी, क्योंकि वो ‘ठाकुर’ है।

इससे पहले ‘द वायर’ की पत्रकार रोहिणी सिंह ने अपने ट्वीट में दावा करते हुए कहा था कि बलात्कार सिर्फ सेक्स से संबंधित नहीं है, यह महिलाओं को उनका स्थान बताने के लिए भी किया जाता है। रोहिणी के अनुसार, ‘ऊँची जाति वाले लोग नीची जाति की महिलाओं के साथ’ दुष्कर्म इसलिए करते हैं, जिससे वह निम्न समुदाय के लोगों को संदेश दे सकें। रोहिणी ने कहा था कि वह इस बात को नहीं समझ सकती, जबकि रोहिणी खुद एक ‘ऊँची जाति’ से आती हैं। वो भी बलरामपुर पर चुप हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -