नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध-प्रदर्शनों के नाम पर देशभर में लगातार हिंसक दंगे हो रहे हैं। उपद्रवियों के हमले से कई पुलिसकर्मियों के गंभीर रूप से घायल होने की ख़बरें भी सामने आ रही हैं। जिस तरह से इन हिंसक विरोध-प्रदर्शनों को अंजाम दिया जा रहा है उससे यह साफ़ पता चलता है कि दंगाइयों के सिर पर ख़ून सवार है, जो जान लेने पर उतारू हैं।
इस बीच, ख़बर है कि यूपी में 250 से अधिक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इनमें 62 पुलिसकर्मी दंगाइयों की गोली से घायल हुए हैं। पुलिस ने 700 से अधिक गैर-प्रतिबंधित बोर (पुलिस द्वारा इस्तेमाल नहीं की गई) बरामद की है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इन ज़िंदा व इस्तेमाल की गई कारतूसों की बरामदगी ‘शांतिपूर्ण ढंग से कर रहे विरोधियो’ से हुई है। ऐसे में यह सवाल एकाएक ही उठ जाता है कि दंगाइयों का अगर यह ‘शांतिपूर्ण ढंग से किया गया विरोध-प्रदर्शन है, तो फिर अशांतिपूर्ण तरीक़ा क्या होगा?
More than 250 police persons have been injured- 62 with gunshot injuries. Live and fired cartridges of non-prohibited bore (not used by the police) in excess of 700 have been recovered from ‘peacefully protesting’ citizens.#uppolice #UttarPradesh @TOILucknow @News18India https://t.co/ETcK4LGmce
— UP POLICE (@Uppolice) December 23, 2019
सच्चाई तो यह है कि उपद्रवियों का यह जानलेवा और हिंसक रवैया इस बात का सबूत है कि उन्हें न तो क़ानून का कोई डर है और न ही उनके अंदर कोई इंसानियत बची है, इस पर यह कह देना कि यह तो ‘शांतिपूर्ण ढंग से किया गया विरोध’ है इसका कोई अर्थ ही नहीं रह जाता है।
इन्हीं हालातों को ध्यान में रखते हुए यूपी में क़ानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए योगी सरकार सख़्ती के साथ काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा संदेश देते हुए कहा था कि सार्वजनिक सम्पत्ति को नुक़सान पहुँचाने वालों की सम्पत्ति इसकी भरपाई की जाएगी। उपद्रवियो की सम्पत्ति को नीलाम करके जो पैसे आएँगे, उससे उनके द्वारा सार्वजनिक संपत्ति को पहुँचाई गई क्षति की भरपाई होगी।
इसी कड़ी में गाजियाबाद पुलिस ने शुक्रवार (20 दिसंबर) को हुए प्रदर्शन के दौरान उपद्रव करने वालों की तस्वीर जारी की है। इनकी तस्वीर वाले पोस्टर चौराहे पर लगाए गए और लोगों से इनकी पहचान कर जानकारी देने की अपील की गई। प्रदर्शन के दौरान ज़िले के लोनी थाना क्षेत्र में उपद्रवियों ने काफी हिंसा की थी। इनकी पहचान के लिए तस्वीरों वाले पोस्टर बीच चौराहों पर लगाए गए हैं। इनके बारे में सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी।
उधर, कानपुर में CAA के ख़िलाफ़ शुक्रवार (20 दिसंबर) को जुमे की नमाज़ के बाद दंगाइयों ने क़रीब ढाई घंटे तक जमकर उत्पात मचाया। बाबूपुरवा के बेगमपुरवा, बगाही मस्जिद के पास प्रदर्शन के दौरान अराजक तत्वों ने पुलिस पर तेज़ाब से हमला कर दिया। यहाँ आगजनी, पथराव और गोलीबारी में 12 लोगों को गोली लगी।
दंगों से कुछ तस्वीरें, जो बताती हैं पुलिस वाले भी चोट खाते हैं, उनका भी ख़ून बहता है…