Sunday, November 17, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाजम्मू-कश्मीर: कुलगाम में 4 आतंकी ढेर सर्च ऑपरेशन जारी, 2020 में अबतक मारे गए...

जम्मू-कश्मीर: कुलगाम में 4 आतंकी ढेर सर्च ऑपरेशन जारी, 2020 में अबतक मारे गए 50 आतंकी

भारतीय सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, पुलिस और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ के करीब 30 मिनट बाद सेना की तरफ से पुष्टि की गई कि एनकाउंटर में 4 आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। लोवरमुंडा में सर्च ऑपरेशन अभी जारी है। एक आतंकी का शव बरामद कर लिया गया है।

जम्‍मू कश्‍मीर के कुलगाम में लोवरमुंडा इलाके में इस समय सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। कुलगाम, नॉर्थ कश्‍मीर में आता है और फिलहाल यहाँ पर इलाके को घेर लिया गया है। कश्‍मीर जोन की पुलिस की तरफ से कहा गया है कि वह स्थिति पर नजर रखे हुए है। भारतीय सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, पुलिस और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ के करीब 30 मिनट बाद सेना की तरफ से पुष्टि की गई कि जम्मू कश्मीर के कुलगाम एनकाउंटर में 4 आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। लोवरमुंडा में सर्च ऑपरेशन अभी जारी है। एक आतंकी का शव बरामद कर लिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को यह मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों के गस्ती दल पर फायरिंग की। इससे पहले शनिवार को भी जम्‍मू कश्‍मीर में हुए एनकाउंटर में तीन आतंकी ढेर हो गए थे। यह एनकाउंटर साउथ कश्‍मीर के पुलवामा जिले के अवंतिपोरा में हुआ था।

कोरोना वायरस के चलते शवों को लेकर सावधानी बरतने की सलाह

रिपोर्ट्स के अनुसार लेफ्टिनेंट जनरल राजू घुसपैठ रोधी ग्रिड (सीआईजी) को और चाक चौबंद करने के लिए सैन्य अधिकारियों के साथ नियमित तौर पर बैठक कर रहे हैं ताकि आतंकवादियों को नियंत्रण रेखा पार करने का कोई मौका नहीं मिले। अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों के साथ नियंत्रण रेखा पर ​संघर्ष और मुठभेड़ की स्थिति में, सैनिकों से शवों को लेकर अत्यंत सावधानी बरतने को कहा गया है क्योंकि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।

2020 में अब तक 50 आतंकी हुए ढेर

जम्मू कश्मीर में इस वर्ष अब तक आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों के अभियानों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के कई शीर्ष कमांडरों समेत 50 आतंकवादी मारे गए हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि केन्द्र शासित प्रदेश में आतंकवादियों के खिलाफ अभियानों में सुरक्षा बलों के 17 जवान शहीद हुए हैं। मारे गए 50 आतंकवादियों में से 18 आतंकवादी कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन के दौरान मारे गए हैं।

अधिकारी ने बताया कि लश्कर के जिला कमांडर मुजफ्फर अहमद भट समेत चार आतंकवादी को 15 मार्च को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के डायलगाम इलाके में सुरक्षा बलों के साथ हुए मुठभेड़ में मारा गया था। इससे पहले 25 जनवरी को दक्षिण कश्मीर के जिला पुलवामा के त्राल इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर कारी यासिर सहित तीन आतंकवादी मारे गए। इसमें हमारे तीन सैनिक भी घायल हो गए थे।

9 अप्रैल को उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर में सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर सजाद नवाब डार को मार गिराया था। उन्होंने बताया 15 जनवरी को हिजबुल मुजाहिदीन के एक शीर्ष कमांडर हारून वानी को जम्मू-कश्मीर के डोडा के गुंडाना इलाके में सुरक्षा बलों के साथ हुए भीषण मुठभेड़ में मार गिराया गया था।

आगे की जानकारी देते हुए, कहा कि 14 मार्च से केंद्र शासित प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान 18 आतंकवादी मारे गए थे। इस वर्ष नौ नागरिकों को भी आतंकवादियों द्वारा मार दिया गया है। इसी अवधि के दौरान 17 सुरक्षा बल के जवान भी मारे गए, जिसमें 13 सुरक्षाकर्मी, 3 विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) और एक पुलिसकर्मी शामिल है।

पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह के अनुसार जम्मू-कश्मीर में 2019 में 160 आतंकवादी मारे गए और 102 गिरफ्तार किए गए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

घर की बजी घंटी, दरवाजा खुलते ही अस्सलाम वालेकुम के साथ घुस गई टोपी-बुर्के वाली पलटन, कोने-कोने में जमा लिया कब्जा: झारखंड चुनावों का...

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बीते कुछ वर्षों में चुनावी रणनीति के तहत घुसपैठियों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है।

मुस्लिम घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र में उलझा है झारखंड, सरना कोड से नहीं बचेगी जनजातीय समाज की ‘रोटी-बेटी-माटी’

झारखंड का चुनाव 'रोटी-बेटी-माटी' केंद्रित है। क्या इससे जनजातीय समाज को घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र से निकलने में मिलेगी मदद?

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -