Saturday, July 27, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षा'Terror Monitoring Group' बना रहे अमित शाह, आतंकी फंडिंग की तोड़ेंगे कमर

‘Terror Monitoring Group’ बना रहे अमित शाह, आतंकी फंडिंग की तोड़ेंगे कमर

एजेंसियों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान में कमी, जिसे दशकों से भारतीय सुरक्षा तंत्र में गंभीर चुनौती माना जाता रहा है, के भी समाधान की उम्मीद की जा सकती है।

गृह मंत्री अमित शाह जिहादियों की आर्थिक कमर तोड़ने के लिए संबंधित एजेंसियों की सदस्यता वाला एक विशेष समन्वय समूह बना रहे हैं। जम्मू-कश्मीर सीआईडी के अतिरिक्त डीजीपी की अध्यक्षता में गठित ‘टेरर मॉनिटरिंग ग्रुप’ (टीएमजी) नामक इस समूह की जिम्मेदारी घाटी के जिहादियों को मिल रही आर्थिक सहायता को काटना होगा। इसके लिए संयुक्त कदम उठाने में यह समूह, जिसमें आतंकरोधी गतिविधियों से जुड़ी लगभग हर केंद्रीय एजेंसी (रॉ के अतिरिक्त) के प्रतिनिधि बतौर सदस्य शामिल होंगे, सक्रिय भूमिका निभाएगा। इस ग्रुप के सदस्यों में आईबी, NIA, सीबीआई, CBIC, CBDT और ED के अधिकारी शामिल होंगे।

एजेंसियाँ देंगी टीएमजी को जानकारी

टीएमजी का खाका गृह मंत्रालय में इस तरह से खींचा गया है कि इसमें शामिल प्रतिनिधि अपनी-अपनी एजेंसियों द्वारा दहशतगर्दों के खिलाफ उठाए जा रहे क़दमों की जानकारी टीएमजी के ज़रिए एक-दूसरे की एजेंसियों के साथ साझा करेंगे। इससे एजेंसियों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान में कमी, जिसे दशकों से भारतीय सुरक्षा तंत्र में गंभीर चुनौती माना जाता रहा है, के भी समाधान की उम्मीद की जा सकती है। टीएमजी के सदस्यों में गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इंटेलिजेंस ब्यूरो, नैशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के अलावा सेंट्र्रल बॉर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स ऐंड कस्टम्स, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ डायरेक्ट टैक्स, प्रवर्तन निदेशालय के प्रतिनिधि सदस्य होंगे।

शाह की नज़रों में कश्मीर

कश्मीर की दहशतगर्दी गृह मंत्रालय का प्रभार संभालने के क्षण से ही गृह मंत्री अमित शाह की प्राथमिकताओं में है। उन्होंने पद ग्रहण करने के तुरंत बाद सर्वप्रथम कश्मीर मुद्दे पर जानकारी ली थी। इससे पहले लोकसभा निर्वाचन के समय भी जब महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्ला-फारूख अब्दुल्ला कश्मीर में अनुच्छेद 370/35-A हटाने पर भारत से अलगाव, कश्मीर में प्रधानमंत्री पद की वापसी आदि जैसे बयान दे रहे थे तो भी उन्होंने इस पर कड़ा रुख अख्तियार किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि उनकी निगाहें कश्मीर में बड़ी कार्रवाई पर हैं। 4 जून को राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने उन्हें कश्मीर के ताज़ा हालात से अवगत कराया है। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल से अमरनाथ यात्रा की भी सुरक्षा और अन्य प्रबंधों के संबंध में जानकारी ली।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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