नक्सल समस्या पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ आज (सितंबर 26, 2021) कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में नक्सल प्रभावित इलाकों में हालात की समीक्षा की जा रही है। वहीं इन सब के बीच खबर है कि नक्सल प्रभावित राज्यों में से एक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस बैठक में शामिल होने के लिए नहीं पहुँचे हैं। सीएम भूपेश बघेल की जगह मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी डीएम अवस्थी बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुँच गए हैं।
Delhi | Union Home Minister Amit Shah arrives for a review meeting on ‘Left-Wing Extremism’. Maharashtra CM Uddhav Thackeray, Bihar CM Nitish Kumar, Odisha CM Naveen Patnaik, Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan among others present, at Vigyan Bhawan pic.twitter.com/c2I3XsXBOx
— ANI (@ANI) September 26, 2021
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग के ज्यादातर जिलों में नक्सली आतंकियों का खतरा है। अक्सर इन जिलों में नक्सली सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हैं। साथ ही इलाके में चल रहे विकास कार्यों को बाधित भी करते हैं। इस साल भी नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों को खूब निशाना बनाया है। हाल ही में नक्सली हमले में आईटीबीपी के एक अफसर बलिदान हो गए थे।
माओवादी समस्या पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आहूत बैठक
— Anindya (@AninBanerjee) September 26, 2021
7 राज्यो के मुख्यमंत्री आमंत्रित
ममता बनर्जी बैठक में शामिल नहीं होंगी
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मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस बैठक में शामिल होने नहीं पहुँची हैं। पश्चिम बंगाल की ओर से मुख्य सचिव एचके द्विवेदी प्रतिनिधित्व करेंगे। वह रविवार सुबह दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी भी मीटिंग में शामिल होने के लिए नहीं पहुँचे हैं। उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव को प्रतिनिधित्व करने के लिए भेज दिया है।
गृह मंत्री अमित शाह नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़कों, पुलों, स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण जैसे मौजूदा विकास कार्यों की समीक्षा भी कर सकते हैं। गृह मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार देश में माओवादी हिंसा में खासी कमी आई है और अब यह समस्या करीब 45 जिलों में व्याप्त है। हालाँकि, देश के कुल 90 जिलों को माओवादी प्रभावित माना जाता है और वे मंत्रालय की सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के तहत आते हैं।
नक्सली हिंसा को वामपंथी उग्रवाद भी कहा जाता है। 2019 में 61 जिलों से नक्सली हिंसा की रिपोर्ट आई थी जबकि 2020 में यह संख्या घटकर 45 हो गई। गृह मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार, साल 2015 से साल 2020 तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हुई हिंसा की विभिन्न घटनाओं में लगभग 380 सुरक्षाकर्मी, 1000 नागरिक और 900 नक्सली मारे गए। इसके साथ ही इसी समय में कुल 4200 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया।
मुख्यमंत्री जिन्हें होना था शामिल
जानकारी के अनुसार इस बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केरल के मुख्यमंत्री के पिनराई विजयन को शामिल होने के लिए कहा गया था।