उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटे उरी (बारामुला) सेक्टर में तकरीबन 10 आतंकियों ने दो दिन पहले घुसपैठ की है। इसे बीते आठ वर्षों में अब तक की सबसे बड़ी आतंकी घुसपैठ कहा जा रहा है। हालाँकि, अभी सेना की ओर से आतंकियों की संख्या के बारे में कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। लेकिन पिछले 36 घंटे से तलाशी अभियान जारी है वहीं आज (21 सितम्बर, 2021) भी उरी और बारामुला सेक्टर में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी गई हैं। इस तलाशी अभियान में पैरा कमांडो का एक दस्ता भी शामिल है।
Jammu and Kashmir | Search operation is still underway in Uri: PRO Defence, Srinagar
— ANI (@ANI) September 21, 2021
Indian Army had foiled an infiltration bid along the Line of Control in the Uri sector of Jammu and Kashmir yesterday.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बताया जा रहा है कि रविवार (19 सितम्बर, 2021) की भोर में उरी सेक्टर में अंगूरी पोस्ट के इलाके में स्वचालित हथियारों से लैस आतंकियों के एक दल ने घुसपैठ का प्रयास किया था। इसके बाद हुई मुठभेड़ में एक जवान घायल हो गया था। आतंकी जंगल और बारिश की आड़ में भागने में सफल हुए थे। वहीं सेना के अधिकारियों ने बताया कि उरी से कश्मीर के अंदरूनी इलाकों की तरफ आने वाले सभी प्रमुख रास्तों व नालों में भी विशेष नाके लगाए गए हैं। जहाँ घुसपैठ हुई है, उस पूरे इलाके मेें घेराबंदी कर दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय ने भी उरी में सैन्य अभियान की पुष्टि की है। लेकिन उन्होंने उरी में घुसपैठ कर आए आतंकियों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट में स्थानीय सूत्रों के हवाले से घुसपैठी आतंकियों की संख्या करीब 10 बताई जा रही है। वहीं सेना की तरफ से यह भी कहा जा रहा है कि फिलहाल अभी इस बात की पुष्टि नहीं की हुई है कि आतंकी घुसपैठ की कोशिश में सफल रहे या फिर कोशिश करने के बाद वापस चले गए।
सेना के मुताबिक घुसपैठ रविवार की तड़के हुई है, लेकिन कई रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा है कि घुसपैठ शनिवार (18 सितंबर, 2021) को हुई होगी, क्योंकि 2016 में 18 सितंबर की सुबह ही लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने उरी ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला किया था।
रिपोर्ट के अनुसार, लेफ्टिनेंट जनरल ने बताया कि इस वर्ष फरवरी में पाकिस्तानी सेना द्वारा एलओसी पर संघर्ष विराम समझौते के बाद गुलाम कश्मीर की तरफ से उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर आतंकियों की यह घुसपैठ की यह दूसरी कोशिश है। इससे पूर्व जून मेें बांडीपोरा में एलओसी पर घुसपैठ हुई थी। हालाँकि, घुसपैठ करने वाले तीनों आतंकी अलग-अलग मुठभेड़ों में मार गिराया गया है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि इस वर्ष घुसपैठ के जो प्रयास हुए उनमें से शायद ही कोई प्रयास आतंकियों का सफल हो पाया हो पाया है।