छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले के बाद से लापता जवान को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दो स्थानीय पत्रकारों ने सोमवार (5 अप्रैल) को दावा किया कि उन्हें गुमनाम कॉल आया था। कॉल करने वाले ने उनसे कहा कि CRPF का जवान उनके कब्जे में है। जवान सुरक्षित है और उसे कोई नुकसान नहीं पहुँचाया जाएगा।
दो पत्रकारों में से एक गणेश मिश्रा, बीजापुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा, “फोन करने वाले ने खुद की पहचान उजागर नहीं की। उसने कहा है कि माओवादी दो से तीन दिन में जवान को रिहा कर देंगे।” वहीं सुकमा में नवभारत के एक पत्रकार राजा सिंह राठौड़ ने कहा, “फोन करने वाले ने अपना नाम हिडमा बताया है। उसने कहा है कि लापता जवान हमारी हिरासत में है। मैंने जवान के बारे में पूछा, तो बताया गया कि वह सुरक्षित है। जिस व्यक्ति ने हिडमा होने का दावा किया था, उसने कहा कि ज्यादा जानकारी और तस्वीरें बहुत जल्द शेयर की जाएँगी।”
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि उन्हें भी किसी गुमनाम कॉलर ने फोन किया था। न्यूज18 से उन्होंने कहा, “जवान माओवादियों की कैद में हो सकता है। सुरक्षा बलों ने 5-6 किलोमीटर के दायरे में घटना के बाद जवान की तलाश की, लेकिन उसका पता नहीं लगा सके।” उन्होंने आगे कहा कि जवान का पता लगाने के प्रयास जारी हैं और पुलिस पत्रकारों को आए फोन कॉल की जाँच करने की कोशिश कर रही है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार 35 वर्षीय जवान राकेश्वर सिंह मन्हास हमले के दौरान तर्रेम क्षेत्र में जंगलों में लापता हो गए थे। सुरक्षा बलों द्वारा बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान के बीच, इन अटकलों ने जोर पकड़ लिया है कि जवान को सीपीआई-माओवादी कैडर द्वारा बंदी बना लिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों के सूत्र मानते हैं कि इनपुट मिले हैं, लेकिन अभी तक बातचीत की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। सूत्रों के मुताबिक, माओवादियों ने अब तक जम्मू के रहने वाले मन्हास को छोड़ने के एवज में कोई शर्त नहीं रखी है।
J&K: Family of CRPF jawan Rakeshwar Singh Manhas, who was part of the party that was attacked by naxals in Chhattisgarh & has been missing, awaits his return. His cousin Govind Singh says, “We’ve been told by the control room that he’s still missing and they are looking for him.” pic.twitter.com/2pkLHrXjnT
— ANI (@ANI) April 5, 2021
इस बीच राकेश्वर सिंह की पत्नी मीनू मन्हास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने पति की रिहाई सुनिश्चित करने की अपील की है। उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से आग्रह करती हूँ कि मेरे पति को वापस लाएँ। वे जहाँ भी हों उनको वापस लाया जाए। वे सुरक्षित हैं तो किसी तरह उनको वापस लाइए। मैं मोदी जी से आग्रह करती हूँ कि मेरे पति को उसी तरह वापस लाएँ, जैसे पाकिस्तान से विंग कमांडर अभिनंदन को लेकर आए थे।”
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर पहुॅंचे। बलिदानी जवानों को श्रद्धांजलि दी। अस्पताल जाकर घायल हवानों का हाल जाना। बीजापुर जिले के बासागुड़ा में सीआरपीएफ कैंप जाकर मुठभेड़ में शामिल जवानों से मिलकर संवाद किया।
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का सामना करते वक्त शहीद हुए बहादुर सुरक्षाकर्मियों को जगदलपुर में श्रद्धांजलि अर्पित की।
— Amit Shah (@AmitShah) April 5, 2021
देश आपके शोर्य और बलिदान को कभी भुला नहीं पाएगा। पूरा देश शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ा है।
अशांति के विरुद्ध इस लड़ाई को हम अंतिम रूप देने के लिए संकल्पित हैं। pic.twitter.com/UCqiRLJICs
उन्होंने कहा, “नक्सलियों के खिलाफ इस लड़ाई को अंजाम तक ले जाना मोदी सरकार की प्राथमिकता है। पिछले 5-6 वर्षों में हमने छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में काफी अंदर तक जाकर सुरक्षा कैंप बनाए हैं। मैं देश को विश्वास दिलाता हूँ कि नक्सलियों के खिलाफ ये लड़ाई और तीव्र होगी। हम विजयी होंगे।” इससे पहले शाह ने कहा था कि हम जवानों के परिजनों और देश को विश्वास दिलाते हैं कि बहादुर जवानों ने देश के लिए जो खून बहाया है वह व्यर्थ नहीं जाएगा।
नक्सलियों के खिलाफ इस लड़ाई को अंजाम तक ले जाना मोदी सरकार की प्राथमिकता है।
— Amit Shah (@AmitShah) April 5, 2021
पिछले 5-6 वर्षों में हमने छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में काफी अंदर तक जाकर सुरक्षा कैंप बनाए हैं।
मैं देश को विश्वास दिलाता हूं कि नक्सलियों के खिलाफ ये लड़ाई और तीव्र होगी व हम विजयी होंगे। pic.twitter.com/1UJ76n2jjY
गौरतलब है कि शनिवार को नक्सलियों ने कुख्यात माओवादी कमांडर माडवी हिडमा के नेतृत्व में घात लगाकर हमला किया था जिसमें 23 जवान बलिदान हो गए थे।