महाराष्ट्र पुलिस ने सोमवार (15 जनवरी 2024) को गढ़चिरौली जिले के गार्डेवाड़ा में एक पुलिस चौकी स्थापित की। यह चौकी छत्तीसगढ़ के दांतेवाड़ा जिले में स्थित माओवादियों के गढ़ अबूझमाड़ से सिर्फ 5 किलोमीटर की दूरी पर है। इस पूरी प्रक्रिया में बारूदी सुरंगों और एंबुश (घात लगाकर किए जाने वाले हमलों) से बचते हुए और रास्ते को सुरक्षित बनाते हुए करीब 600 कमांडो ने गार्डेवाड़ा तक पहुँचने के लिए 60 किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय की।
साल 1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद से महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में फैले इस सुदूर क्षेत्र में ऐसा पहली बार हुआ है कि इस इलाके में सुरक्षाबलों ने स्थाई कैंप स्थापित किया है। कमांडो ने 60 किलोमीटर की पैदल यात्रा में कई नदियों और नालों को पार किया। इस अभियान का उद्देश्य माओवादियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाना और क्षेत्र के लोगों को सुरक्षा प्रदान करना है। गार्डेवाड़ा माओवादियों का एक प्रमुख गढ़ है। इस क्षेत्र में माओवादी अक्सर पुलिस और सुरक्षाकर्मियों पर हमले करते हैं।
इस पूरे अभियान के दौरान करीब 1500 कर्मचारियों ने एक ही दिन के भीतर पुलिस चौकी की स्थापना भी कर दी। इस दौरान कमांडों के साथ ही पुलिस एवं अन्य कर्मचारी मौजूद रहे। जिस जगह पर ये चौकी बनी है, वो जगह नक्सलियों के मुख्य केंद्र अबूझमाड़ से करीब 5 किलोमीटर की ही दूरी पर है। इस इलाके में नक्सली कैडर ट्रेनिंग लेते हैं और अन्य कामों को अंजाम देते हैं।
गार्डेवाड़ा में कई बड़े हमले कर चुके थे नक्सली
बता दें कि साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों ने मतदान को प्रभावित करने के लिए तीन IED धमाके किए थे। ये इलाका ऐसे विषम क्षेत्र में है, जहाँ बारिश के समय ताडगुडा नाला बाढ़ के कारण पूरे इलाके को 6 माह के लिए काट देता है। गढ़चिरौली के एसपी नीलोत्पल ने कहा कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ को जोड़ने के लिए गट्टा-गार्डेवाड़ा-तोरगाटे-वांगेटुरी-मेंठरी-पनावर को जोड़ने के लिए 38 किलोमीटर लंबा स्टेट हाइवे बनाया जा रहा है।
इस स्टेट हाइवे का 20 किलोमीटर हिस्सा बनकर तैयार हो गया है। इस चौकी के बनने के बाद इस हाइवे का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इस पुलिस चौकी के बन जाने से 730 वर्ग किमी के इलाके में सुरक्षाकर्मियों की निगरानी बढ़ जाएगी।