गोरखनाथ मंदिर परिसर में धारधार हथियार के साथ घुसने का प्रयास करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी को लेकर यूपी पुलिस ने नया खुलासा किया है। पुलिस ने उसके पास मिले ई-डिवाइस व सोशल मीडिया अकॉउंट से पता लगाया है कि वो ISIS आतंकियों के साथ संपर्क में था और 2014 में उसकी गिरफ्तारी बेंगलुरु पुलिस द्वारा भी की गई थी।
एडीजी प्रशांत कुमार ने मीडिया को बताया, “यूपी एटीएस द्वारा आरोपित अहमद मुर्तजा अब्बासी की जाँच के बाद, उसके कई ई-डिवाइस, उसके विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट जैसे जीमेल, ट्विटर, फेसबुक और ई-वॉलेट के डेटा की पड़ताल की गई। डेटा छानबीन में सामने आया कि आरोपित मुर्तजा अब्बासी सोशल मीडिया के जरिए ISIS आतंकी और उसके समर्थकों के साथ संपर्क में था। साल 2014 में उसकी गिरफ्तारी ISIS प्रोपेगेंडा एक्टिविस्ट मेहदी मसरूर बिस्वास से जुड़े केस में भी हुई थी। वह आतंकी संगठन, कट्टरपंथी प्रचारक और ISIS आतंक को बढ़ावा देने वाले लोगों से प्रभावित था।”
Gorakhnath temple attack | After investigating accused Ahmad Murtaza Abbasi by UP ATS, data analysis of many of his e-devices, his various social media accounts like Gmail, Twitter, Facebook, & E-wallets was conducted: Prashant Kumar, ADG Law & Order pic.twitter.com/vhECuQJdCB
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 30, 2022
एडीजी ने जानकारी दी कि आरोपित ने अपने बैंक के जरिए ISIS की आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने के लिए करीब 8.5 लाख भारतीय रुपए भेजे। ये रुपए उसने ISIS समर्थकों के संगठनों के जरिए भेजे जो यूरोप और अमेरिका में हैं। एडीजी प्रशांत कुमार के अनुसार आरोपित अब्बासी ने एके-47, एम-4 कार्बाइन और दूसरे हथियारों से जुड़े वीडियो भी इंटरनेट के माध्यम से भेजे थे। अपनी आतंकी इच्छाओं को पूरा करने के लिए उसने गोरखनाथ मंदिर के दक्षिणी द्वार पर लोक वुल्फ अटैक किया। उसने वहाँ ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा अधिकारियों की राइफल छीनने की कोशिश की। उसका इरादा हथियार छीनकर बड़े हमले को अंजाम देने का था। पुलिस ने ये जानकारी भी दी कि मुर्तजा ने साल 2013 में अंसार-उल-तौहीद नामक आतंकवादी संगठन की शपथ ली थी, जिसका 2014 में ISIS में विलय हो गया। 2020 में अब्बासी ने फिर ISIS की शपथ ली।
गोरखनाथ मंदिर पर हमला
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर में 3 अप्रैल, 2022 को मुर्तज़ा अब्बासी ने धारदार हथियार ले कर घुसने का प्रयास किया था। इस दौरान उसने रोके जाने पर ‘अल्लाह हु अकबर’ के नारों के साथ PAC के 2 जवानों को घायल कर दिया था। मुर्तजा ने पुलिसकर्मियों के हथियार छीनने का भी प्रयास किया था। पड़ताल में पता चला था कि वह गोरखपुर के सिविल लाइंस का रहने वाला है। उसे बचाने के लिए उसके मानसिक तौर पर विक्षिप्त होने की खबरें भी मीडिया में कही गई। हालाँकि डॉक्टर के बयान और अब्बासी का बैकग्राउड देखते हुए इन दलीलों को दरकिनार कर दिया गया और राष्ट्रीय सुरक्षा के नाते जाँच आगे बढ़ी।