Wednesday, June 18, 2025
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाPAK की हिरासत में IAF पायलट, भारत ने सुरक्षित लौटाने को कहा; जानिए क्या...

PAK की हिरासत में IAF पायलट, भारत ने सुरक्षित लौटाने को कहा; जानिए क्या है जेनेवा संधि

किसी देश का सैनिक जैसे ही पकड़ा जाता है उस पर ये संधि तुरंत लागू हो जाती है। यह नियम स्‍त्री या पुरुष दोनों युद्धबंदियों पर सामान रूप से लागू है। संधि के मुताबिक युद्धबंदी को डराया-धमकाया नहीं जा सकता और न ही दबाव डाल कर उससे कोई बयान दिलवाया जा सकता है।

आज दोपहर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मीडिया को ब्रीफ करते हुए कहा, “पाकिस्तान का एक विमान इंडियन एयरफोर्स के द्वारा मार गिराया गया। इस ऑपरेशन में हमारा एक मिग क्षतिग्रस्त हो गया और विमान के पायलट लापता हैं।”

पाकिस्तान ने यह दावा किया है कि लापता पायलट उनके कब्जे में हैं। पाकिस्तान ने कथित रूप से पायलट का विडिओ जारी किया। जेनेवा कन्वेंशन के अनुसार ऐसा करना अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन है। जिसके बाद दिल्ली में पाकिस्तान के उप-उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को विदेश मंत्रालय ने तलब किया था।

मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि भारत ने पाकिस्तान के उस दावे की पुष्टि के लिए बुलाया था। जिसमें वह अपने कब्जे में एक भारतीय पायलट होने की बात कर रहा था

इससे पहले भारत में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की मंशा से भारत की सीमा में घुसे पाकिस्तानी जेट विमान को भारतीय वायुसेना द्वारा मार गिराया गया था।

रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार (फ़रवरी 27, 2019) शाम विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि हमारा एक पायलट पाकिस्तान की कस्टडी में है और हम पाकिस्तान से माँग करते हैं कि वह भारतीय वायुसेना के उस पायलट को तुरंत सुरक्षित वापस भेजे। भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान यह सुनिश्चित करे कि पायलट को कोई नुकसान नहीं पहुँचे।

बता दें कि बालाकोट में आतंकवादी अड्डे को भारतीय वायुसेना द्वारा निशाना बनाए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव इस वक्त चरम पर है।

जेनेवा संधि के तहत प्रमुख प्रावधान  

1- इस संधि के तहत घायल सैनिक की उचित देखरेख की जाती है।
2 – संधि के तहत उन्हें खाना-पीना और जरूरत की सभी चीजें दी जाती है।
3- इस संधि के तहत किसी भी युद्धबंदी के साथ अमानवीय बर्ताव नहीं किया जा सकता।
4 – सबसे ख़ास बात ये है कि किसी देश का सैनिक जैसे ही पकड़ा जाता है उस पर ये संधि तुरंत लागू हो जाती है। यह नियम स्‍त्री या पुरुष दोनों युद्धबंदियों पर सामान रूप से लागू है।
5 -संधि के मुताबिक युद्धबंदी को डराया-धमकाया नहीं जा सकता और न ही दबाव डाल कर उससे कोई बयान दिलवाया जा सकता है।  
6- युद्धबंदी की जाति, धर्म, जन्‍म आदि बातों के बारे में नहीं पूछा जाता।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

डियर खान सर, 4 बजे तक 1.5 GB डाटा फूँक देने वाली पीढ़ी ने ही आपको बनाया है… सवाल पूछने के उसके साहस पर...

स्मिता प्रकाश के साथ पॉडकास्ट में छात्रों के 'खान सर' ने उसी पीढ़ी को खारिज करने की कोशिश की है, जिसने डाटा फूँक कर फैसल खान को 'खान सर' बनाया है।

ममता सरकार की नई OBC आरक्षण लिस्ट पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, 76 जातियाँ की थी शामिल: भाजपा ने बताया- इनमें 67 मुस्लिमों...

कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में OBC आरक्षण की नई सूची जारी करने पर रोक लगा दी है। यह सूची राज्य की ममता बनर्जी सरकार ने बनाई है।
- विज्ञापन -