नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने अडानी समूह की कम्पनी ‘अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस’ द्वारा निर्मित दृष्टि 10 स्टारलाइनर ड्रोन को पेश किया है। इसे हैदराबाद में स्थित अडानी के ड्रोन निर्माण कारखाने में भारतीय तकनीक के साथ बनाया गया है।
#WATCH | Indian Navy chief Admiral R Hari Kumar unveils the Drishti 10 Starliner drones manufactured by Adani Defence in Hyderabad.
— ANI (@ANI) January 10, 2024
The firm said the drone is an advanced Intelligence, Surveillance and Reconnaissance (ISR) platform with 36 hours of endurance, 450 kgs payload… pic.twitter.com/tfdSYImRuX
यह अपनी तरह का पहला भारत में निर्मित ड्रोन है। यह ‘मीडियम एल्टिट्यूड लॉन्ग इन्ड्युरेन्स (MALE)’ वाला ड्रोन है। इसका मतलब है कि यह आकाश में मध्यम ऊँचाई पर काफी ज्यादा देर तक उड़ सकता है। यह ड्रोन विशेष तकनीक से लैस है। यह एक बार में 36 घंटे की उड़ान भर सकता है। यह सभी प्रकार के मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है। ये आकाश में ऐसी परिस्थिति में उड़ान भरने में भी सक्षम है जहाँ और भी विमान उड़ रहे हों।
इस ड्रोन को विशेष रूप से खुफिया जानकारी जुटाने, समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में गश्त लगाने जैसे कामों में लगाया जाएगा। यह 450 किलो तक पेलोड ले जा सकता है। इस पेलोड में हथियार भी भेजे जा सकते हैं। इस ड्रोन को नौसना और थल सेना, दोनों के उपयोग के लिए बनाया गया है।
नौसेना तथा थल सेना ने इन ड्रोन का ऑर्डर भी दिया है। यह जल्द ही भारतीय सेनाओं में शामिल हो कर अपनी सेवाएँ देंगे। अडानी डिफेन्स एंड एयरोस्पेस का कहना है कि उनका पहला ड्रोन हैदराबाद से गुजरात तक उड़ा कर भेजा जाएगा जहाँ इसे नौसेना में शामिल किया जाएगा।
नौसेना प्रमुख ने इस मौके पर कहा है कि भारत का पहला आत्मनिर्भर MALE ड्रोन मात्र 10 महीनों में ही बन कर तैयार हो गया है। यहाँ आकर इसकी प्रगति के बारे में जानकारी लेना मेरे लिए काफी गर्व और ख़ुशी की बात है। वहीँ अडानी परिवार के सदस्य और अडानी एयरपोर्ट्स को देखने वाले जीत अडानी ने कहा है जल्द ही वह भारत में निर्मित इन रक्षा उत्पादों को बाहर देशों को निर्यात करना चालू करेंगे।
गौरतलब है कि भारत अब तक ड्रोन तकनीक को दूसरे देशों से लेता आया है। भारतीय सेनाओं में शामिल अधिकांश ड्रोन इजरायली कम्पनियों द्वारा निर्मित हैं। हालाँकि, बीते कुछ सालों में भारत में भी ड्रोन निर्माण में तेजी आई है और कई कम्पनियाँ इस क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।