नगरोटा में आतंकियों और भारतीय सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद भारत ने पाकिस्तानी राजदूत को समन किया है। भारत ने जिस तरह से एक बड़े आतंकी हमले को नाकाम किया, वो राहत की बात है। लेकिन, अब भारत ने पाकिस्तान को आइना दिखाना भी शुरू कर दिया है, जिसने इस पूरे आतंकी हमले की साजिश रची थी। जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में आतंकियों के साथ ये मुठभेड़ गुरुवार (नवंबर 21, 2020) को हुई थी।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में जानकारी दी है कि ये सभी आतंकी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के सदस्य थे, ऐसा शुरुआती जाँच में पता चला है। इसे संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। भारत सरकार ने जैश-ए-मुहम्मद द्वारा भारतीय सरजमीं पर लगातार किए जा रहे आतंकी हमलों के खिलाफ कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए याद दिलाया कि फ़रवरी 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले सहित कई वारदातों में इसकी भूमिका रही है।
भारत सरकार ने कहा है कि जिस तरह से बड़ी मात्रा में खतरनाक हथियार और गोला-बारूद जब्त हुए हैं, उससे पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में शांति और सुरक्षा को अस्थिर करने की एक सम्पूर्ण साजिश थी। बकौल भारतीय विदेश मंत्रालय, इसका एकमात्र उद्देश्य ये था कि जम्मू कश्मीर में स्थानीय जिला विकास परिषद (DDC) के चुनावों के रूप में जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया चल रही है, उसे पटरी से उतारा जाए।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी राजदूत को समन कर उसकी इस करतूत पर कड़ा विरोध दर्ज कराया। मंत्रालय ने कहा कि इस संभावित हमले को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के कारण ही रोका जा सका। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वो न सिर्फ आतंकियों को समर्थन देना बंद करे, बल्कि अपनी जमीन से दूसरे देशों में हमला करने वाले आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई कर पूरे आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर को नेस्तनाबूत करे।
साथ ही भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय नियमों की याद दिलाते हुए कहा कि वो द्विपक्षीय समझौतों का पालन करे और किसी भी हालत में भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए अपनी सरजमीं का इस्तेमाल करना बंद करे। साथ ही भारत सरकार ने दोहराया कि वो पूरी मजबूती से और सख्ती के साथ, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा की हिफाजत के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
ये भी खुलासा हुआ है कि ख़ुफ़िया सूचनाओं के आधार पर हुए ऑपरेशन में जिन 4 आतंकियों को मार गिराया गया, वो मसूद अजहर के भाई मुफ़्ती रउफ असगर के साथ संपर्क में थे। साथ ही वो JeM के सरगना कारी जरार के साथ भी संपर्क में थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले में एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई थी। ये बता भी पता चली है कि बालाकोट में आतंकियों की ट्रेनिंग का पूराइंफ्रास्ट्रक्चर अब JeM के हवाले ही कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 20, 2020 को गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव और शीर्ष खुफिया अफसरों के साथ नगरोटा एनकाउंटर पर समीक्षा बैठक की थी। नगरोटा में मारे गए आतंकी 26/11 की बरसी पर कुछ बड़ा करने की योजना बना रहे थे। पीएम मोदी ने इस समीक्षा बैठक के बाद सेना को उनकी सतर्कता के लिए उनका आभार व्यक्त किया था।