भारतीय सेना में भर्ती का नया व अहम रास्ता जल्द खुलने वाला है। इसे ‘अग्निपथ भर्ती प्रवेश योजना’ नाम दिया जाएगा। योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके माध्यम से युवाओं को आरंभिक रूप से तीन साल के लिए सेना में सिपाही के रूप में भर्ती किया जाएगा। इससे भारतीय सेना के मौजूदा आयु वर्ग में भी बड़ा बदलाव आएगा।
‘Agnipath’ to be new entry path for youth to join Indian defence forces as Agniveers
— ANI Digital (@ani_digital) April 6, 2022
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सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि इन तीन वर्षों के सेवाकाल के दौरान जवानों को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। इस कार्यकाल के बाद रक्षा बलों के पास यह विकल्प रहेगा कि वह अग्निवीरों में से कुछ को सेवा में कायम रख सकेंगे। इस योजना को अंतिम रूप देने की चर्चा अंतिम स्तर पर है। सूत्रों ने कहा कि तीनों सेना फिलहाल योजना के ऑपरेशन का प्रस्तुतीकरण दे रही हैं। सरकार के शीर्ष स्तर पर प्रस्तुतियाँ दी जा चुकी हैं। शीर्ष नेतृत्व का योजना का पूरा समर्थन है।
बता दें कि यह मुद्दा दो साल पहले शुरू हुआ जब बलों ने ‘टूर ऑफ ड्यूटी योजना’ (ToD) पर चर्चा शुरू की थी। इसमें सैनिकों को एक अल्पकालिक अनुबंध के तहत भर्ती करने की बात कही गई थी। उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा और विभिन्न क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। योजना में रक्षा बलों के पास विशिष्ट कार्यों के लिए विशेषज्ञों की भर्ती करने का विकल्प भी होगा। CNN-News18 ने इस संबंध में सरकार में उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से बताया कि प्रस्तावित भर्ती मॉडल अंतिम चरण में है। पिछले दो हफ्तों में इसे लेकर कई बैठक भी हुई हैं।
बताया गया कि मॉडल के मौजूदा ड्राफ्ट में कहा गया है कि भारतीय सेना में सभी सैनिकों की भर्ती टूर ऑफ ड्यूटी मॉडल के तहत की जाएगी। उनमें से लगभग 25% सेना में तीन साल और 25% सैनिक पाँच साल तक अपनी सेवा देंगे। बाकी 50% सेना में तब तक सेवा करते रहेंगे, जब तक कि वे अपनी रिटायरमेंट की उम्र तक नहीं पहुँच जाते। यह भी प्रस्तावित किया गया है कि तीन और पाँच साल पूरे करने वाले 50% सैनिकों को राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में शामिल किया जाएगा। साथ ही उन्हें एक तय समय के लिए कुछ मेडिकल बेनिफिट दिए जाएँगे। यह वही बेनिफिट होंगे, जो सशस्त्र बलों के रिटायर होने वाले कर्मियों को मिलते हैं।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के दौरान सशस्त्र बलों में सैनिकों की भर्ती पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। तीनों सेनाओं में 1.25 लाख से ज्यादा पद रिक्त हैं। इस अग्निपथ योजना को अंतिम रूप देने के लिए संबंधित विभागों के साथ कुछ और बैठकों की आवश्यकता होगी। सेना की संबंधित विभागों के साथ कुछ और बैठकों के बाद इस योजना को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। आरंभिक योजना के अनुसार रक्षा सेवा का तीन साल का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद इन अग्निवीरों को निजी क्षेत्र में सिविल नौकरियाँ दी जाएँगी। कई कंपनियों ने इन अग्निवीरों को सेवा में रखने में रुचि दिखाई है। इन कंपनियों को सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त व अनुशासित जवानों का लाभ मिलेगा।