Saturday, December 21, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षादिन में नामी कंपनियों में नौकरी, रात को बनाते थे बम: सिरका-शरबत जैसे कोडवर्ड...

दिन में नामी कंपनियों में नौकरी, रात को बनाते थे बम: सिरका-शरबत जैसे कोडवर्ड से ISIS पुणे मॉड्यूल कर रहा था ‘काफिरों से बदला’ मिशन की तैयारी

रिपोर्ट्स के मुताबिक नामी कंपनियों में काम करने वाले ये सभी आतंकी IED बनाने और उसका परीक्षण करने के काम पर जुटे थे। IED बनाने के लिए ये कोडवर्ड में बात किया करते थे।

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के पुणे मॉड्यूल ने अपने मिशन का नाम काफिरों से बदला रखा था। इसके लिए वे बड़े पैमाने पर तैयारी कर रहे थे। मिशन से जुड़े आतंकी काफी पढ़े-लिखे हैं। किसी को शक न हो इसके लिए वे दिन में नामी कंपनियों में आम लोगों की तरह काम करते थे और रात को विस्फोटक तैयार किया करते थे।

आतंक के इस पुणे मॉड्यूल के खिलाफ राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने 4 नवंबर 2023 को कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी थी। इस चार्जशीट से पता चलता है कि आतंकियों ने काफिरों (गैर-मुस्लिमों) की हत्या का प्लान बनाया था और वे भारतीय संविधान को ‘हराम’ (गैर-इस्लामी) मानते थे।

मीडिया रिपोर्टों में चार्जशीट के हवाले से बताया गया है कि आरोपित विस्फोटक बनाने के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल करते थे। हमलों के लिए महाराष्ट्र के कुछ स्थानों की रेकी भी की गई थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक नामी कंपनियों में काम करने वाले ये सभी आतंकी IED बनाने और उसका परीक्षण करने के काम पर जुटे थे। IED बनाने के लिए ये कोडवर्ड में बात किया करते थे। सल्फ्यूरिक एसिड के लिए सिरका, हाइड्रोजन परॉक्साइड के लिए शर्बत और एसीटोन के लिए गुलाब जल जैसे कोडवर्ड का इस्तेमाल किया जा रहा था। बताते चलें कि IED बनाने के लिए सल्फ्यूरिक एसिड, एसीटोन और हाइड्रोजन परॉक्साइड जरूरी घटक हैं।

चार्जशीट में बताया गया है कि आतंकी IED बनाने के लिए आसानी से मिलने वाली चीजों का इस्तेमाल करते थे। इसमें वाशिंग मशीन टाइमर, थर्मामीटर, स्पीकर वायर, 12 वॉट का बल्ब, 9 वॉट की बैटरी, फिल्टर पेपर, माचिस की तीलियाँ और बेकिंग सोडा शामिल हैं। विस्फोटक बनाने के बाद आरोपितों ने इसे ब्लास्ट करने के लिए महाराष्ट्र, गोवा, केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में रेकी भी की थी। रेकी में फोटो और वीडियो बनाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। इस ड्रोन को NIA ने ज़ब्त कर लिया है।

आरोपितों के बारे में बताया जा रहा है ये सभी दिन में ऑफिसों में काम किया करते थे। ऐसा करने के पीछे आतंकियों की मंशा लोगों की नजर से बचना बताया जा रहा। रात में ये सभी जंगलों में जा कर विस्फोट करने की प्रैक्टिस किया करते थे। पकड़ा गया आरोपित जुल्फिकार मल्टीनेशनल आईटी कंपनी में सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर 31 लाख के सालाना पॅकेज पर काम कर रहा था। दूसरा आरोपित शाहनवाज माइनिंग इंजिनियर था। उसे विस्फोटकों की अच्छी जानकारी थी। तीसरा आरोपित कादिर पठान ग्राफिक्स डिजाइनर था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘शायद शिव जी का भी खतना…’ : महादेव का अपमान करने वाले DU प्रोफेसर को अदालत से झटका, कोर्ट ने FIR रद्द करने से...

ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग को ले कर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले एक प्रोफेसर को दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है।

43 साल बाद भारत के प्रधानमंत्री ने कुवैत में रखा कदम: रामायण-महाभारत का अरबी अनुवाद करने वाले लेखक PM मोदी से मिले, 101 साल...

पीएम नरेन्द्र मोदी शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुँचे। यहाँ उन्होंने 101 वर्षीय पूर्व राजनयिक मंगल सेन हांडा से मुलाकात की।
- विज्ञापन -