Wednesday, May 1, 2024
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दिन में नामी कंपनियों में नौकरी, रात को बनाते थे बम: सिरका-शरबत जैसे कोडवर्ड से ISIS पुणे मॉड्यूल कर रहा था ‘काफिरों से बदला’ मिशन की तैयारी

रिपोर्ट्स के मुताबिक नामी कंपनियों में काम करने वाले ये सभी आतंकी IED बनाने और उसका परीक्षण करने के काम पर जुटे थे। IED बनाने के लिए ये कोडवर्ड में बात किया करते थे।

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के पुणे मॉड्यूल ने अपने मिशन का नाम काफिरों से बदला रखा था। इसके लिए वे बड़े पैमाने पर तैयारी कर रहे थे। मिशन से जुड़े आतंकी काफी पढ़े-लिखे हैं। किसी को शक न हो इसके लिए वे दिन में नामी कंपनियों में आम लोगों की तरह काम करते थे और रात को विस्फोटक तैयार किया करते थे।

आतंक के इस पुणे मॉड्यूल के खिलाफ राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने 4 नवंबर 2023 को कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी थी। इस चार्जशीट से पता चलता है कि आतंकियों ने काफिरों (गैर-मुस्लिमों) की हत्या का प्लान बनाया था और वे भारतीय संविधान को ‘हराम’ (गैर-इस्लामी) मानते थे।

मीडिया रिपोर्टों में चार्जशीट के हवाले से बताया गया है कि आरोपित विस्फोटक बनाने के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल करते थे। हमलों के लिए महाराष्ट्र के कुछ स्थानों की रेकी भी की गई थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक नामी कंपनियों में काम करने वाले ये सभी आतंकी IED बनाने और उसका परीक्षण करने के काम पर जुटे थे। IED बनाने के लिए ये कोडवर्ड में बात किया करते थे। सल्फ्यूरिक एसिड के लिए सिरका, हाइड्रोजन परॉक्साइड के लिए शर्बत और एसीटोन के लिए गुलाब जल जैसे कोडवर्ड का इस्तेमाल किया जा रहा था। बताते चलें कि IED बनाने के लिए सल्फ्यूरिक एसिड, एसीटोन और हाइड्रोजन परॉक्साइड जरूरी घटक हैं।

चार्जशीट में बताया गया है कि आतंकी IED बनाने के लिए आसानी से मिलने वाली चीजों का इस्तेमाल करते थे। इसमें वाशिंग मशीन टाइमर, थर्मामीटर, स्पीकर वायर, 12 वॉट का बल्ब, 9 वॉट की बैटरी, फिल्टर पेपर, माचिस की तीलियाँ और बेकिंग सोडा शामिल हैं। विस्फोटक बनाने के बाद आरोपितों ने इसे ब्लास्ट करने के लिए महाराष्ट्र, गोवा, केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में रेकी भी की थी। रेकी में फोटो और वीडियो बनाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। इस ड्रोन को NIA ने ज़ब्त कर लिया है।

आरोपितों के बारे में बताया जा रहा है ये सभी दिन में ऑफिसों में काम किया करते थे। ऐसा करने के पीछे आतंकियों की मंशा लोगों की नजर से बचना बताया जा रहा। रात में ये सभी जंगलों में जा कर विस्फोट करने की प्रैक्टिस किया करते थे। पकड़ा गया आरोपित जुल्फिकार मल्टीनेशनल आईटी कंपनी में सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर 31 लाख के सालाना पॅकेज पर काम कर रहा था। दूसरा आरोपित शाहनवाज माइनिंग इंजिनियर था। उसे विस्फोटकों की अच्छी जानकारी थी। तीसरा आरोपित कादिर पठान ग्राफिक्स डिजाइनर था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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