केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कश्मीर दौरे का आज (25 अक्टूबर 2021) तीसरा और अंतिम दिन है। उन्होंने आज श्रीनगर में कई विकास योजनाओं का उद्घाटन किया। अमित शाह ने इस दौरान कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करते हुए कश्मीर घाटी के सियासी दलों पर भी हमला बोला। कश्मीर घाटी के लोगों को संबोधित करने से पहले अमित शाह ने मंच पर लगे बुलेट प्रूफ शीशे को हटवाया। अमित शाह ने जोर देते हुए कहा कि दिल से खौफ निकाल दीजिए। कश्मीर की विकास यात्रा में कोई खलल नहीं पहुँचा सकता।
#WATCH I was taunted, condemned… Today I want to speak to you frankly, which is why there is no bullet proof or security here….Farooq Sahab has suggested me to speak with Pakistan but I will speak to the youth & people of Valley…: Union Home Minister Amit Shah in Srinagar pic.twitter.com/QsFEVtZ0hC
— ANI (@ANI) October 25, 2021
अमित शाह ने कहा, “मुझे बहुत ताने सुनाए गए। बहुुत कोसा गया। बहुुत कड़े-कड़े शब्दों में मेरी निंदा की गई। मैं आज आपके साथ मन खोल कर बात करना चाहता हूँ, इसलिए ना कोई बुलेट प्रूफ है और ना ही कोई सिक्योरिटी है। मैं आपके सामने ऐसे ही खड़ा हूँ। आज ही मैंने अखबार में देखा कि फारुक साहब ने मुझे सलाह दी है कि भारत सरकार पाकिस्तान से बातचीत करे। खैर, बड़े अनुभवी व्यक्ति हैं, मुख्यमंत्री रहे हैं सूबे के। उनकी सलाह है, मगर मैं फारुक साहब से और विशेष कर आप लोगों से कहना चाहता हूँ कि अगर बात करनी है तो मैं घाटी के अपने भाई-बहनों के साथ करूँगा। घाटी के युवाओं से बात करूँगा। मैं क्यों न बात करूँ आपसे? हम चाहते हैं कि हम आपके साथ बात करें। इसीलिए जब मैं युवाओं से बात कर रहा था, मैंने कहा था कि मैं घाटी के युवाओं के साथ दोस्ती करना चाहता हूँ। मैंने घाटी के युवाओं के सामने दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। घाटी, जम्मू और नए बने लद्दाख का विकास पाक़ीज़ा मकसद से उठाया गया है कदम है और 2024 तक इसका खूबसूरत अंजाम आपको देखने को मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि बहुत लोगों ने सवाल उठाए कि धारा 370 हटने के बाद घाटी के लोगों की ज़मीन छीन ली जाएगी। ये लोग विकास को बाँधकर रखना चाहते हैं, अपनी सत्ता को बचाकर रखना चाहते हैं, 70 साल से जो भ्रष्टाचार किया है उसको चालू रखना चाहते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि ये लोग कहते थे कि दहशतगर्दों के ख़िलाफ़ आवाज़ नहीं उठाई। इन लोगों ने घाटी का पर्यटन समाप्त कर दिया था।
अमित शाह ने कहा, “बहुत आशा जगी है कि जम्मू-कश्मीर में हमेशा के लिए शांति हो सकती है। मैं कश्मीर के युवा से भी अपील करता हूँ कि जिन्होंने आपके हाथ में हथियार और पत्थर थमाए थे, उन्होंने क्या भला किया? ये लोग पाकिस्तान की बात करते हैं, पाक के कब्जे वाला कश्मीर पास ही है उनसे पूछिए कि गाँव में बिजली आई है, अस्पताल हैं क्या, मेडिकल कॉलेज हैं क्या, पीने का पानी आता है क्या, बहनों के लिए शौचालय बना है क्या, तुलना तो कर दीजिए, कुछ नहीं हुआ है।” इससे पहले अमित शाह ने सोमवार को जम्मू कश्मीर के गंदेरबल जिले में खीर भवानी मंदिर में पूजा-अर्चना की।