Monday, November 18, 2024
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जो बिट्टा कराटे कश्मीरी पंडितों के दिल में मारता था गोली, उसकी बीवी सरकारी नौकरी से बर्खास्त; आतंकी सैयद सलाहुद्दीन के बेटे पर भी एक्शन

जेकेएलएफ आतंकी बिट्टा कराटे को 'कश्मीरी पंडितों का कसाई’ भी कहा जाता है। एक बार कैमरे पर हत्याएँ कबूलते हुए उसने दावा किया था कि उसका निशाना कभी नहीं चूकता था। वह अपने टारगेट के सिर या दिल में ही गोली मारता था।

आतंकी फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे की बीवी सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दी गई है। आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन के बेटे पर भी इसी तरह की कार्रवाई हुई है। इन दोनों के सहित कुल 4 सरकारी बर्खास्त हुए हैं। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने टेरर इकोसिस्टम में संलिप्तता को लेकर यह एक्शन लिया है। बर्खास्त लोगों में वैज्ञानिक और प्रोफेसर भी शामिल हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकी बिट्टा कराटे की बर्खास्त होने वाले पत्नी का नाम अर्जुमंद खान है। वह कश्मीर प्रशासनिक सेवा (KAS) में ग्रामीण विकास विभाग में सीनियर अधिकारी के पद पर कार्यरत थी। वह आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) की मददगार थी।

अर्जुमंद खान के अलावा जम्मू-कश्मीर उद्योग विकास विभाग संस्थान (JKEDI) में मैनेजर के तौर पर कार्यरत सैयद अब्दुल मुईद को भी बर्खास्त कर दिया गया है। अब्दुल मुईद का अब्बा सैयद सलाहुद्दीन आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का सरगना है। इन दोनों के अलावा कश्मीर यूनिवर्सिटी में कार्यरत वैज्ञानिक मुहीद अहमद भट और कश्मीर यूनिवर्सिटी के ही सहायक प्रोफेसर माज़िद हुसैन कादरी को भी बर्खास्त किया गया है। इन सभी पर संविधान की आर्टिकल 311 के तहत कार्रवाई की गई है।

पहले भी हुए हैं बर्खास्त

इससे पहले भी आतंकी संगठनों से साठगाँठ के चलते कश्मीर में सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी हुई है। इसी साल मार्च में 5 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया था। इनमें कम्प्यूटर ऑपरेटर, टीचर और पुलिस कांस्टेबल शामिल थे। अप्रैल 2022 में भी कश्मीर लॉ कॉलेज के पाकिस्तान समर्थक प्रोफेसर शेख शौकत को बर्खास्त किया गया था।

कौन है बिट्टा कराटे

जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के आतंकी बिट्टा कराटे को ‘कश्मीरी पंडितों का कसाई (Butcher of Kashmiri Pandits)’ भी कहा जाता है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी और मेहबूबा मुफ्ती की बहन रुबिया सईद के अपहरण से भी जुड़ा था। उस समय सईद केंद्र सरकार में गृह मंत्री हुआ करते थे और इस घटना के बाद सरकार ने घुटने टेकते हुए रुबिया की रिहाई के लिए आतंकियों को छोड़ दिया था। कश्मीरी पंडितों की हत्या वह एक बार कैमरे पर भी कबूल चुका है। उसने कहा था, 1990 में कम से कम 20 या शायद 30 से 40 कश्मीरी पंडितों की हत्या की थी।’ उसने दावा किया था कि उसका निशाना कभी नहीं चूकता था। वह अपने टारगेट के सिर या दिल में ही गोली मारता था। बहुचर्चित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ में भी उसके क्रूरता को दिखाया गया है।

हिज्बुल मुजाहिदीन का सरगना है सैयद सलाहुद्दीन

हिज्बुल मुजाहिदीन का सरगना सैयद सलाहुद्दीन कश्मीर में हुई अनेक आतंकी घटनाओं का जिम्मेदार है। इन घटनाओं में कई सैनिक, पुलिसकर्मी और पैरामिलिट्री जवानों के साथ कश्मीरी हिन्दुओं को भी अपनी जान गँवानी पड़ी है। सलाहुद्दीन 2016 में पंजाब में पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले का मास्टरमाइंड है। 1946 में पैदा हुआ सलाउद्दीन श्रीनगर के एसपी कॉलेज से ग्रेजुएट और 1971 में कश्मीर विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट है। उसने 1987 में मुस्लिम संयुक्त मोर्चा के टिकट पर अमीराकदल निर्वाचन क्षेत्र से जम्मू-कश्मीर विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था। लेकिन हार गया। उसके आतंकी संगठन ISIS से भी लिंक बताए जाते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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