Saturday, April 20, 2024
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‘मुस्लिम पड़ोसियों ने बता दिया वो चावल के ड्रम में छिपे हैं’: बीके गंजू के भाई ने याद किया वाकया – याद आता है 8 गोलियों से छलनी सीना

"आतंकियों ने हमारे घर में बाल कृष्ण को बहुत ढूँढा, पर वो नहीं मिला। इसके बाद वो चले जा रहे थे, लेकिन तभी हमारे मुस्लिम पड़ोसियों ने उन्हें इशारे से बता दिया था कि वह चावल के ड्रम में चौथी मंजिल पर छिपा है।"

‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म ने क्या आम, क्या खास सबका दिल अंदर से झकझोर कर रख दिया है। कश्मीर में आतंकियों ने चावल के ड्रम में छिपे जिस कश्मीरी पंडित बाल कृष्ण गंजू की हत्या कर दी गई थी, उनके बड़े भाई शिबन कृष्ण गंजू इतने सालों के बाद भी अपने भाई की मौत का गम नहीं भुला पा रहे हैं। ‘दैनिक भास्कर’ को 75 वर्षीय शिबन कृष्ण गंजू ने अपना दर्द बयाँ करते हुए कहा, “मैं 32 साल से हर रोज जब भी आँखें बंद करता हूँ, मुझे हमारा चार मंजिला घर सामने दिखने लगता है। चौथी मंजिल पर रखा वह चावल से भरा ड्रम और उसमें खून से लथपथ मेरे भाई का छलनी सीना दिखता है।”

अपने पड़ोसियों को वे लोग बहुत मानते थे, उनके बारे में बताते हुए गंजू के बड़े भाई कहते हैं, “आतंकियों ने हमारे घर में बाल कृष्ण को बहुत ढूँढा, पर वो नहीं मिला। इसके बाद वो चले जा रहे थे, लेकिन तभी हमारे मुस्लिम पड़ोसियों ने उन्हें इशारे से बता दिया था कि वह चावल के ड्रम में चौथी मंजिल पर छिपा है। मेरे पड़ोसी और हमारा घर एक ही लेवल पर था, इसलिए उन्होंने मेरे भाई को छिपते हुए देख लिया था। इसके बाद आतंकियों ने चौथी मंजिल पर जाकर चावल से भरे ड्रम में छिपे मेरे भाई के सीने में 8 गोलियाँ दाग दीं। आज भी मेरे पास इसकी FIR रखी हुई है। उस वक्त बाल कृष्ण केवल 35 साल का रहा होगा। उनकी एक बेटी भी है, जो उस समय लगभग दो साल की थी।”

उन्होंने आगे बताया कि हत्या करने के बाद आतंकियों ने दो साल की बच्ची को गोद में लेकर नीचे खड़ी मेरी डरी सहमी भाभी से जाते हुए कहा, “वह मर गया है, जाओ उसे संभालो।” उन्होंने यह भी बताया कि खूंखार आतंकी फारूक अहमद डार हमारे पड़ोस में रहता था। उसे सब बिट्टा कराटे के नाम से भी जानते थे। उन्होंने बताया कि हमारे और भी कई मुस्लिम पड़ोसी थे, जो कब खूँखार आतंकी बन गए हमें पता ही नहीं चला।

वहीं, इससे पहले बीके गंजू की भांजी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करके बताया था कि मेरे परिवार में कोई भी इस बारे में बात नहीं करना चाहता था। आज भी जब फिल्म रिलीज हुई, पूरे देश के लोग कश्मीरी पंडितों को सपोर्ट कर रहे हैं और सुन रहे हैं कि उस समय क्या हुआ था, तब जाकर मेरे माता-पिता ने इस बारे में बात की। मैंने उनसे पूछा कि उस समय आखिर क्या हुआ था। उन्होंने बताया कि गंजू की पत्नी और उनकी बेटियाँ अभी भी उस ट्रॉमा से बाहर नहीं आ पाई हैं। अब इस बारे में जानने के बाद लगा कि यह हमारे परिवार के लिए हीलिंग जैसा है, इसलिए इतने सालों से कोई भी इसके बारे में बात नहीं करना चाहता था।

बता दें कि बीके गंजू एमटीएनएल में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर थे। 19 मार्च 1990 को आतंकी बीके गंजू की हत्या करने उनके घर पर पहुँचे थे। इन आतंकियों में बिट्टा कराटे भी शामिल था। आतंकियों ने गंजू पर सरकार का मु​खबिर होने का आरोप भी लगाया था। यही नहीं उनके खून से सने चावल उनकी पत्नी को खिलाए थे। द कश्मीर फाइल्स में कृष्णा पंडित का किरदार निभाने वाले अभिनेता दर्शन कुमार ने भी एक इंटरव्यू में इस घटना का जिक्र किया था। उन्होंने बताया ​था कि एक कश्मीरी पंडित की हत्या के बाद उनके खून से सना चावल उनकी पत्नी को खिलाया था। इस घटना के बारे में सुनकर वे दहल उठे थे। उन्हें उस रात नींद नहीं आई थी।

गौरतलब है कि द कश्मीर फाइल्स ने नब्बे के दशक में कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को जुबान देने का काम किया है। पिछले दिनों गिरिजा टिक्कू के परिवार ने भी इस घटना पर चुप्पी तोड़ी थी। उनकी भतीजी सीधी रैना ने इंस्टाग्राम पोस्ट शेयर कर कहा था कि उनके परिवार को अभी भी न्याय का इंतजार है। गिरिजा टिक्कू को अगवा कर गैंगरेप किया गया था और फिर उन्हें जिंदा आरी से काट दिया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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