जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना के एक वाहन पर 20 अप्रैल 2023 को आतंकी हमला किया गया था। पूँछ जिले के राजौरी सेक्टर में हुए इस हमले में राष्ट्रीय राइफल्स के पाँच जवान बलिदान हो गए थे। अब यह जानकारी सामने आई है कि वाहन में सवार जवान इफ्तार के लिए सामान लेकर लौट रहे थे। 20 अप्रैल की शाम राष्ट्रीय राइफल्स की ओर से इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था। इसमें पंचों और सरपंचो समेत आसपास के गाँव के रोजेदारों को बुलाया गया था।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों ने जानबूझकर उस गाड़ी को निशाना बनाया, जिसमें जवान इफ्तार पार्टी का सामान ला रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों ने संगयोट इलाके में स्थानीय लोगों के लिए इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग स्थानों पर इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता रहता है। रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों को इफ्तार पार्टी के आयोजन की बात नागवार गुजरी और उन्होंने सेना के वाहन पर हमले की साजिश रची।
दरअसल आतंकियों को जम्मू-कश्मीर के लोगों का सेना के साथ घुलना-मिलना पसंद नहीं आता। आतंकियों को लगता है कि यही लोग फिर उनकी मुखबिरी करते हैं। गुरुवार दोपहर को सेना का वाहन इफ्तार का सामान लेकर कैंप की तरफ लौट रहा था। उसी समय खराब मौसम का फायदा उठाकर आतंकियों ने वाहन को निशाना बनाया। पहले गोलियाँ चलाईं और फिर ग्रेनेड से हमला किया। इसके बाद वाहन में आग लग गई।
हमले में आरआर के पाँच जवान हवलदार मनदीप सिंह, हरकिशन सिंह, लांसनायक कुलवंत सिंह, सिपाही सेवक सिंह और लांसनायक देबाशीष बसवाल बलिदान हो गए। एक जवान गंभीर रूप से घायल हैं। उनका उपचार सेना के अस्पताल में किया जा रहा है। हमले के बाद सुरक्षा बल पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस हमले की जाँच एनआईए ने भी शुरू कर दी है।
इस हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली है। पीएएफएफ पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है। यह आतंकी संगठन अंसार गजवात-उल-हिंद के मारे गए कमांडर जाकिर मूसा से प्रेरित है। यह आतंकी संगठन वैश्विक आतंकी संगठन अल कायदा के लिए भी वफादार माना जाता है। हाल की कई आतंकी घटनाओं में इसका नाम सामने आया है।