पाकिस्तानी फौज ने आतंकी तबरक हुसैन को फिदायीन मिशन पर भेजा। भारत में दाखिल होने की कोशिश करते हुए वह जिंदा पकड़ा गया। फिलहाल उसका इलाज चल रहा है। पूछताछ में उसने बताया है कि पाकिस्तानी फौज के कर्नल युनूस ने उसे और उसके साथियों को आत्मघाती मिशन पर भेजा था। भारतीय सेना को निशाना बनाने के लिए 30 हजार रुपए भी दिए थे।
आतंकी तबरक हुसैन 21 अगस्त 2022 को भारत में घुसपैठ के लिए एलओसी पर तार काट रहा था। उसके साथ 4-5 और आतंकी भी थे। भारतीय सैनिकों की नजर पड़ते ही वे भागने लगे। लेकिन फायरिंग में तबरक को गोली लग गई और वह पकड़ा गया। उसके साथी आतंकी भागने में कामयाब रहे।
#WATCH | Tabarak Hussain, a fidayeen suicide attacker from PoK, captured by the Indian Army on 21 August at LOC in Jhangar sector of Naushera, Rajouri, says he was tasked by Pakistan Army’s Col. Yunus to attack the Indian Army for around Rs 30,000 pic.twitter.com/UWsz5tdh2L
— ANI (@ANI) August 24, 2022
तबरक ने बताया है कि उसके दस्ते के निशाने पर भारतीय सेना की चौकियाँ थी। दो सैन्य चौकी की रेकी भी हुई थी। वह पाकिस्तान के कोटली जिले का रहने वाला है। उसने बताया है कि पाकिस्तानी फौज आम लोगों को भारतीय सीमा में घुसने के लिए उकसाती है। उनका ब्रेन वॉश किया जाता है। पैसे का लालच दिया जाता है। घुसपैठ के लिए जो तैयार नहीं होते उनके साथ पाकिस्तानी फौज बुरा व्यवहार करती है।
भारत में दाखिल होने से पहले तबरक हुसैन ने बॉडी शेव कराया था। नाखून कटवा लिए थे। वह चाहता था कि जब वह हूरों से मिले तो सुंदर दिखे।
तबरक हुसैन एक अनुभवी आतंकवादी गाइड है। तबरक हुसैन को 2016 में उसके भाई के साथ भी गिरफ़्तार किया गया था, जिसे नवंबर 2017 में रिहा किया गया था। तबरक हुसैन का वर्तमान में रजौरी में इलाज हो रहा है, उसे गोली लगी है: ब्रिगेडियर कपिल राणा, जम्मू (2/2)
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 24, 2022
ब्रिगेडियर कपिल राणा ने बुधवार (24 अगस्त 2022) को बताया कि तबरक हुसैन एक अनुभवी आतंकवादी गाइड है। उसे 2016 में उसके भाई के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसे नवंबर 2017 में रिहा किया गया था। अब एक बार फिर वह पकड़ा गया है।