उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ते (UP ATS) द्वारा देवबंद से गुरुवार (28 अप्रैल 2022) की रात गिरफ्तार किए गए अवैध बांग्लादेशी तलहा के पास से कई तरह की आपत्तिजनक चीजें मिली हैं। उसके पास से भारत और बांग्लादेश के पते पर बने पहचान पत्र सहित कई अन्य दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। तलहा ने फर्जी पते पर भारतीय आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवा लिए थे। इस मामले में ATS उसके सहयोगियों और गतिविधियों की जानकारी जुटा रही है।
तलहा के बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) से संबंध सामने आ रहे हैं। यह बात भी सामने आई है कि वह पाकिस्तान जाकर ट्रेनिंग ले चुका है। वह भोपाल में पकड़े गए जेएमबी के चार सक्रिय सदस्यों के सीधे संपर्क में था। इन्हीं लोगों से पूछताछ के बाद ATS तलहा तक पहुँची थी।
तलहा ने ATS से पूछताछ में अपने अन्य साथियों के बारे में भी जानकारी दी है। इनके नाम सलाउद्दीन सालिम और इफ्तिकार उल हक है। उसने बताया कि हक फर्जी आईडी बनाने में उस्ताद है। बांग्लादेश से जब वह देवबंद आया तो यहाँ तहसील के पास स्थित एक दुकान पर उसने फर्जी पहचान पत्र बनवाए थे। इसके साथ ही पास में स्थित एक टोपी की दुकान पर हवाला की रकम आती थी।
बता दें कि वो तलहा 2015 से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय बनकर रह रहा था और देवबंद में अरबी की पढ़ाई कर रहा था। गुरुवार की देर रात यूपी ATS टीम ने देवबंद दारुल उलूम जाकर वहाँ के रूम नम्बर 61 से गिरफ्तारी की। उसका पूरा नाम तलहा तालुकदार बिन फारुख है। वह बांग्लादेश में कुम्मिला जिले के दाउद कंदी पुलिस थाना क्षेत्र स्थित बरगुआली के रहने वाला है। तलहा के कब्जे से एटीएस ने आधार कार्ड, पैन कार्ड, दारुल उलूम देवबंद का पहचान पत्र, लाइफ टाइम मेंबरशिप कार्ड, बांग्लादेशी मुद्रा, बांग्लादेशी पासपोर्ट की फोटो कॉपी और 150 रुपए भारतीय करेंसी बरामद की है।
देवबंद का अवैध बांग्लादेशियों से पुराना नाता
सहारनपुर और देवबंद अवैध शरणार्थियों और आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह के रूप में उभर कर सामने आया है। इससे पहले यहाँ से 14 मार्च को ATS ने एक संदिग्ध बांग्लादेशी को गिरफ्तार किया था। इससे पहले मार्च 2021 में नदीम कालोनी से बांग्लादेशी तनवीर और उसके पिता उमर मोहम्मद को गिरफ्तार किया गया था। ये यहाँ पिछले 20 सालों से रह रहे थे। इसी तरह थाना मंडी क्षेत्र से भी दो बांग्लादेशी भाइयों को गिरफ्तार किया गया था। जिन्हें हाल ही में अदालत सजा सुनाई थी।
फरवरी 2019 में सहारनपुर से ही पाँच बांग्लादेशियों को देवबंद से पकड़ा गया था। साल 2016 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीमों ने सहारनपुर रेलवे स्टेशन के बाहर से हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी एजाज शेख को पकड़ा था। साल 2010 में पाकिस्तानी जासूस शाहिद उर्फ इकबाल भट्टी को पटियाला पुलिस ने हकीकतनगर से गिरफ्तार किया। इकबाल भट्ट देवराज सहगल के नाम से यहाँ रह रहा था।
अयोध्या में हुए बम विस्फोट में सहारनपुर के तीतरो निवासी डॉक्टर इरफान को पकड़ा गया था। साल 2001 में आतंकी गतिविधियों के चलते मुफ्ती इसरार को पकड़ा था। साल 1994 में तीन ब्रिटिश नागरिकों को बंधक बनाकर आतंकियों ने खाताखेड़ी रखा था। किफायतुल्लाह उर्फ जाफर अहमद उर्फ अताउर्रहमान उर्फ अल उल्लाह मोहल्ला कस्साबान सरसावा का रहने वाला था, जो बाद में जम्मू-कश्मीर जाकर आतंकी बन गया था।