भारत सरकार ने मेघालय के एक विद्रोही संगठन हिनीवट्रेप नेशनल लिब्रेशन काउंसिल (एचएनएलसी) को पूरी तरह से बैन कर दिया है। यह एक उग्रवादी संगठन है जो सार्वजनिक रूपसे भारत को खंडित करने के अपने उद्देश्य की घोषणा कर चुका है। इस संगठन का उद्देश्य है कि खासी और जयंतिया जनजाति बहुल इलाकों को भारत से अलग किया जाए। सरकार ने न सिर्फ इस संगठन एचएनएलसी को प्रतिबंधित किया है बल्कि इससे जुड़ी तमाम छोटी-बड़ी इकाइयों को भी पूरी तरह से बैन कर दिया है।
बता दें कि एचएनएलसी संगठन के सदस्य स्थानीय लोगों को डरा,धमकाकर जबरन वसूली करने वाले यह संगठन देश की सीमा से पार बांग्लादेश में अपने कैम्प चलाते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ इस संगठन के तार पूर्वोत्तर के राज्यों में चलने वाले उग्रवादी संगठनों से भी जुड़े हुए हैं। यह उग्रवादी संगठन अपने-अपने इलाकों से पैसा वसूलकर बांग्लादेश में कैम्प चलाते हैं और प्रशिक्षण देते हैं।
Home Ministry bans Meghalaya-based insurgent group HNLC
— ANI Digital (@ani_digital) November 18, 2019
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उपद्रवी हरकतों के चलते केंद्र सरकार ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि एचएनएलसी और उसकी गतिविधियाँ देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए एक बड़ा खतरा है। बता दें कि इस संगठन पर 16 नवम्बर 2000 को बैन लगाया गया था मगर बाद में इस बैन को हटा लिया गया।
Central Government has declared the Meghalaya-based insurgent group Hynniewtrep National Liberation Council (HNLC), along with all its factions, wings and front organisations as unlawful association. pic.twitter.com/MX5NfTEpaa
— ANI (@ANI) November 18, 2019
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के मुताबिक इस संगठन की गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाए जाने की ज़रूरत है। अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो इस संगठन को हथियारबंद होकर पैर-पसारते देर नहीं लगेगी। जिसके बाद देश के कई नागरिकों से लेकर सुरक्षाकर्मियों की जान जा सकती है। इसके बाद इन संगठनों को भारत विरोधी गतिविधियों को विस्तार देने में देर नहीं लगेगी।
इस सम्बन्ध में गृह-मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करते हुए एचएनएलसी और इससे जुड़े सभी बड़े-छोटे संगठनों पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगाने का आदेश दिया है। भारत सरकार ने आतंकी वारदात को अंजाम देने वाले इस संगठन एचएनएलसी को देश की सुरक्षा के चलते यूएपीए कानून के तहत बैन कर दिया है।