देश के सभी नागरिको को 2022 तक रहने के लिए छत मिल सके इस उद्देश्य से शुरू की गई योजना में भी दहशत फ़ैलाने वाले जिहादियों ने अब आतंकवाद को बढ़ावा देने का रास्ता ढूंढ लिया है। टेरर फंडिंग के मामले में प्रधानमंत्री आवास योजना के खातों के दुरूपयोग का मामला सामने आया है।
दरअसल मामला बरेली का है जहाँ पीएम आवास योजना के लिए खोले गए खातों से आतंक के आकाओं तक रुपया-पैसा पहुँचाने के लिए पूरा प्लान तैयार किया गया। इसके लिए आतंकवादियों के एक हमदर्द गिरोह ने उनको फंड पहुँचाने के लिए महिलाओं के खातों का भी इस्तेमाल किया।
टेरर फंडिंग की इस पूरी योजना में सोची समझी साजिश के तहत आवास योजना की सब्सिडी लेने वाले लोगों के खाते उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक में खुलवाए गए, और उन सबके एकाउंट एसबीआई में खुलवाए गए। प्रत्येक व्यक्ति को ढाई-लाख की सब्सिडी देने वाली इस योजना के इन सभी एकाउंट्स के ज़रिए करीब 50 लाख का लेनदेन किया गया।
महिलाओं को जब इस बात की भनक लगी कि उनके एकाउंट इस तरह की गतिविधि के लिए उपयोग किए जा रहे हैं तो उन्होंने खाता खुलवाने वाले लोगों से इसका विरोध किया। महिलाओं की बात सुनने की बजाय उनलोगों ने महिलाओं को मुँह बंद रखने की धमकी दी कि घटना का ज़िक्र पुलिस में करने पर सीधे जान से मारने की धमकी दे डाली। आरोपितों ने खाताधारकों को धमकी देते हुए यह कहा कि वे लोग विदेश में लेन-देन करते हैं और उनकी पहुँच बहुत ऊपर तक है। पैसे को लेकर तमाम घटनाओं को सुनने के बाद सभी में थोड़ी हिम्मत जागी और उन्होंने कोतवाली में शिकायत कर दी। इसके साथ ही उन्होंने उस गिरोह में से एक व्यक्ति को पुलिस के हवाले भी कर दिया।
खाताधारकों ने कहा कि वे लोग काफी गरीब हैं, किराए के मकान में रहते हैं। आरोपितों ने उन्हें झांसा दिया था कि उनके इस काम में मदद करने पर सभी को ढाई-ढाई लाख रुपए दिए जाएँगे। वहीं जब मामले में संलिप्त बैंक के मैनेजर से बात की गई तो मालूम चला कि उनके बैंक में इस प्रकार के पाँच एकाउंट खोले गए थे जिसमें 5 लाख से 7 लाख का लेनदेन हुआ है।
मैनेजर ने बताया कि उनसे पूछताछ करने आईबी के अधिकारी आए थे और उनकी माँगी हर डिटेल मैनेजर ने उन्हें दे दी। इस घटना में कोतवाली में तहरीर मिलने के बाद एसपी सिटी अभिनंदन सिंह ने बताया, “मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जाँच चल रही है, अभी आतंकी फंडिंग को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता। एसपी के मुताबिक मामले की जाँच में अन्य जाँच एजेंसियां भी लगी हुई हैं। गौरतलब है कि एटीएस ने लखीमपुर से उम्मीद, एजाज, समीर सलमानी और संजय अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया था, बाद में इन्ही लोगों की निशानदेही पर एटीएस ने सिराजुद्दीन और फहीम नाम के दो लोगों को बरेली से टेरर फंडिंग में संलिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार किया था।