Monday, December 23, 2024
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अमित शाह के मंत्रालय ने सभी राज्यों+UT को किया अलर्ट, पुलिस पर भी हमलों की जताई आशंका: जुमे पर नूपुर शर्मा के खिलाफ कई राज्यों में हुआ था हिंसक प्रदर्शन

पैगंबर के कथित अपमान के नाम पर देश भर में हिंसा और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। 10 जून 2022 को जूमे की नमाज के बाद हुई हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने के अलावा मीडिया और सोशल मीडिया पर हिंसा के लिए उकसाने वाले भड़काऊ बयान दिए गए।

भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद के कथित अपमान के नाम पर देश भर में किए जा रहे दंगे को लेकर केेंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की पुलिस को सतर्क रहने को कहा है। मंत्रालय ने कहा कि हिंसा के दौरान उन्हें निशाना बनाया जा सकता है।

बता दें कि शुक्रवार (10 जून 2022) को विरोध प्रदर्शन के नाम पर देश के कई शहरों में दंगे किए गए। इस दौरान दंगाइयों ने पुलिस पर हमला किया। इस दौरान तोड़फोड़, आगजनी और पथराव की कई गंभीर एवं चिंताजनक घटनाएँ सामने आईं।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात पुलिसकर्मियों से उचित दंगा गियर में रहने के लिए कहा गया है। देश में शांति-व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए जानबूझकर प्रयास किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस के साथ-साथ आवश्यकता होने पर अर्धसैनिक बलों को भी मुकाबला करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

अधिकारी ने यह भी कहा कि पुलिस को भड़काऊ भाषण देने वाले लोगों पर पैनी नजर बनाए रखने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, राज्य पुलिस से अपने भाषणों में हिंसा और भड़काऊ बयान देने वालों और उसे लाइव पोस्ट करने वालों की पहचान करने को कहा है, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से आवश्यक कदम उठाने, सीमाओं पर नजर रखने और संवेदनशील इलाकों की पहचान करने के लिए कहा है। उत्तर प्रदेश और झारखंड सहित कई राज्यों में हिंसा और पुलिस पर हमले को ध्यान में रखते हुए यह निर्देश जारी किए गए हैं।

बता दें कि पैगंबर के कथित अपमान के नाम पर देश भर में हिंसा और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। शुक्रवार (10 जून 2022) को जूमे की नमाज के बाद हुई हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने के अलावा मीडिया और सोशल मीडिया पर हिंसा के लिए उकसाने वाले भड़काऊ बयान दिए गए।

हिंसा को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। कई जगहों पर आँसू गैस को गोले छोड़े गए। वहीं, झारखंड में पुलिस पर हमले के बाद फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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