चरमपंथी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके सहयोगी संगठनों पर देश भर में कार्रवाई कर 350 से अधिक उसके सदस्यों के गिरफ्तार करने के बाद इसकी हिंसक गतिविधियों की परतें खुलने लगी हैं। PFI न सिर्फ हिंदूवादी नेताओं की हत्या की साजिश रच रहा था, बल्कि देश भर के कई राज्यों में बम ब्लास्ट करने की भी योजना बना रहा था।
यूपी की राजधानी लखनऊ से पकड़े गए PFI के सदस्यों से पूछताछ में पता चला है कि ये अपने लोगों को इस तरह से ट्रेनिंग दे रहा था कि ब्लास्ट के लिए कहीं से गोला-बारूद लाने की जरूरत ना पड़े। आरोपितों के पास से मिली सामग्रियों की जाँच-पड़ताल से इस संबंध में महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं।
लखनऊ के बख्शी तालाब (BKT) से पकड़े गए तीन आरोपितों के पास से जो किताब मिली है, उसमें लिखा है कि आसपास मौजूद सामग्री से कैसे IED बनाई जा सकती है। पुलिस को आशंका है कि ये दशहरा और दीपावली में विस्फोट की तैयारी में थे और इनके निशाने पर धार्मिक स्थल और हिंदू आबादी वाले इलाके थे।
मोहम्मद फैजान, मोहम्मद रेहान और मोहम्मद सूफियान की गिरफ्तारी के बाद इनके पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज और उर्दू में लिखी एक किताब मिली। इस किताब को नीली थैली में छिपाकर आरोपितों ने रखा था। इसमें इनके षडयंत्रों की पूरी जानकारी है।
इनके पास से मिले किताब के पहले पन्ने से पता चलता है कि ये साल 2047 तक भारत को मुस्लिम मुल्क बनाने की साजिश के तहत काम कर रहे थे। इसके अलावा, दूसरे पेज पर आसपास आसानी से उपलब्ध सामग्री से IED बम बनाने की विधि के बारे में बताया गया है। चौथे और पाँचवें पृष्ठ पर विस्फोटक के स्रोतों की जानकारी दी गई है।
वहीं, राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) और खुफिया एजेंसी (IB) की रिपोर्ट के आधार पर केरल के पाँच RSS नेताओं को Y कैटेगरी की सुरक्षा गृह मंत्रालय ने दी है। केरल से 22 सितंबर को गिरफ्तार PFI के सदस्य मोहम्मद बशीर के घर पर रेड के दौरान उसके यहाँ से संघ के नेताओं की लिस्ट मिली थी। इसमें पाँच नेताओं को जान से मारने की बात कही गई थी।
संघ के इन नेताओं की सुरक्षा में अब अर्धसैनिकों बलों के 8 जवान तैनात रहेंगे। इनमें VIP को सुरक्षा देने वाले आर्म्ड स्टैटेक गार्ड के 5 जवान भी शामिल रहेंगे। इसके अलावा, तीन शिफ्ट में तीन PSO की तैनात होकर उनकी सुरक्षा करेंगे।