चीन हमेशा धोखाधड़ी और पीठ पीछे वार करने को लेकर कुख्यात हैं। वहीं फिर अपनी दोगली साजिश रचते हुए सोमवार (15 जून, 2020) रात डंडे और नुकीली चीजों से लैस चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया। अचानक हुए इस खूनी हमले से भारतीय सैनिक अनजान थे। जिसकी वजह से भारतीय सेना के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए हैं। वहीं चीन के भी 40 से अधिक सैनिकों के मारे जाने की खबर है।
चीन ने अस्थाई टेंट हटाने से किया मना
रिपोर्ट्स के अनुसार पूर्वी लद्दाख इलाके में चीन की फौज ने आगे आकर अस्थाई कैंप लगा लिया था। जिसके बाद चुशूल में भारत चीन के बीच अधिकारी स्तर की बातचीत में यह तय किया गया था कि दोनो देशों की फौजें अप्रैल में जहाँ थीं वापस उसी पोजिशन पर लौट जाएँगी।
भारतीय सैनिकों को टेंट हटाने के निर्देश दिए गए। मगर उच्चाधिकारियों में हुए फैसले के बावजूद भ्रम में डूबे चीनी सैनिकों ने अपनी संख्या पर घमंड करते हुए पीछे हटने को राजी नहीं हुए। पेट्रोल प्वाइंट-14 पर चीन के सैनिकों से बात करने पहुँचे भारतीय सेना के कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू और अन्य सैनिकों को चीनी सेना ने घेर लिया।
हमले के लिए पहले से तैयार थे चीनी सैनिक
चीन की हरकतों को देखते हुए भारतीय सैनिकों ने भी इसका मुँहतोड़ जवाब दिया। चीनी सेना ने पहले से ही अपने पास लाठी-डंडे, रॉड, हॉकी स्टिक, बेसबॉल क्लब, ड्रैगन पंच, पाईप, पत्थर, कीलें, बूट की नोक जमा कर लिया था। और उसी का इस्तेमाल वे हिंसा के दौरान कर रहे थे। दोनों ओर से हो रही इस लड़ाई को लड़ते-लड़ते सैनिक पहाड़ की चोटी के नजदीक पहुँच गए। जिसकी वजह से भी चीनी जवानों और कई भारतीय जवान नीचे गिर गए।
चीन की ओर से जारी एक अधिकारिक बयान में आरोप लगाया है कि भारत के सैनिकों के द्वारा उनकी सीमा में घुसपैठ की कोशिशें की गईं और चीनी सैनिकों पर हमला किया गया। बताया जा रहा है कि इस झड़प के दौरान किसी तरह की कोई गोली नहीं चली है, यानी हाथापाई और पत्थरबाजी हुईं, जिनमें सैनिकों को क्षति पहुँची है।
चीनी सैनिकों ने पहाड़ो से फेंके भारी भरकम पत्थर
वहीं पहाड़ी पॉइंट 14 पर पहले से मौजूद चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को निशाना बनाते हुए उनके ऊपर बड़े-बड़े पत्थरों को फेक कर भी हमला किया। बिना किसी हथियार के भारतीयों सैनिकों ने उनका डट कर मुकाबला किया। हालाँकि, इस झड़प में कई भारतीय सैनिकों को तो संभलने तक का मौका नहीं मिला था।
55 भारतीय सैनिकों को कमजोर समझना पड़ा महँगा
इस झड़प में भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों की अकल को ठिकाने लगाने का काम किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 2 दर्जन चीनी सैनिक मौत के मुँह में हैं। वहीं 110 चीनी सैनिकों को इलाज की बेहद जरूरत है। जिनको अस्पताल पहुँचाने के लिए चीनी सेना के हेलीकॉप्टर उस इलाके पर मंडरा रहे थे।
चीन की तरफ से सौंपे गए बलिदानियों के शव
भारतीय सैन्य अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार सुबह चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों के शव को भारत के हवाले किया। वहीं पेइचिंग ने अपने मारे गए सैनिकों की कोई भी संख्या अभी तक जारी नहीं कि हैं। लेकिन भारतीय सेना ने दावा किया है कि उन्होंने चीनी सेना की बातचीत सुनी है और चीन के 40 से अधिक सैनिकों के मारे जाने का अनुमान है।