पंजाब (Punjab) के फिरोजपुर (Firozepur) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सुरक्षा में चूक को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया है। इससे संबंधित मामले की शुक्रवार (7 जनवरी 2022) को सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को पंजाब यात्रा के दौरान पीएम मोदी की मूवमेंट के रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया।
PM Modi's Security Lapse | Supreme Court directs the Registrar General of Punjab and Haryana High Court to secure and preserve the travel records of Prime Minister Narendra Modi during his visit to Punjab forthwith. pic.twitter.com/bKPn1U3c5l
— ANI (@ANI) January 7, 2022
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और पंजाब सरकार को अपने मौखिक आदेश में पीएम की सुरक्षा चूक की जाँच कर रही संबंधित समितियों की कार्यवाही को अगले सोमवार तक स्थगित करने के लिए कहा।
केस की सुनवाई के दौरान भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह मामला क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म का है और इसे किसी पर छोड़ा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि NIA के अधिकारी इस केस की जाँच में सहयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन, सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें सार्वजनिक रूप से लोगों को ‘xyz’ करने के लिए कहा गया है। यह सीमा पार आतंकवाद का विषय हो सकता है।”
सॉलिसिटर जनरल ने कहा, “जब भी पीएम का काफिला आगे बढ़ता है तो संबंधित राज्य के डीजी से पहले सलाह लेनी होती है और जब वह कहते हैं तभी पीएम का काफिला आगे बढ़ता है। इस मामले में प्रभारी ने वह संकेत दिया था। उन्होंने यह नहीं कहा था कि आगे कोई रुकावट है। हालांँकि, वीडियो के अनुसार, स्थानीय पुलिस चाय का आनंद ले रही थी, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि नाकाबंदी है। ट्रक और ट्रैक्टर से अवरुद्ध फ्लाईओवर पर कोई बड़ा हादसा हो सकता था। यह अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी का विषय बन जाता।”
मामले की सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ कर रही थी। ‘लॉयर वॉयस’ नाम के एक एनजीओ ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कोर्ट की निगरानी में पीएम की सुरक्षा में हुई चूक के मामले की जाँच करने का आग्रह किया था।
एनजीओ की तरफ से कोर्ट में उपस्थित सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने एसपीजी ऐक्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह मामला राज्य सरकार के विधि-व्यवस्था के अंतर्गत नहीं आता। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है। इसलिए मामले की जाँच राज्य सरकार नहीं कर सकती। इसे कोर्ट की निगरानी में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी द्वारा कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा सेवानिवृत जज की अगुआई में समिति गठित की गई है, जो कि उपयुक्त नहीं है।