भारत की प्रमुख विपक्ष दल कॉन्ग्रेस के नेता राहुल गाँधी ने अपनी लंदन यात्रा के दौरान बांग्लादेश की कट्टरपंथी नेता खालिदा जिया के भगोड़े बेटे तारिक रहमान से मुलाकात की थी। खालिदा जिया के जेल में रहने के दौरान तारिक रहमान को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था। राहुल गाँधी और तारिक रहमान पर यह आरोप बांग्लादेश के एक वरिष्ठ पत्रकार ने लगाया है।
बांग्लादेशी समाचार पत्र ‘ब्लिट्ज़’ के संपादक सलाहुद्दीन शोएब चौधरी ने शनिवार (10 अगस्त 2024) को रिपब्लिक टीवी के एक शो में यह दावा किया। चौधरी ने डिबेट के दौरान कहा कि लंदन में हुई यह गुप्त बैठक बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी।
सलाहुद्दीन शोएब चौधरी ने दावा किया कि BNP के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान के साथ हुई उस बैठक में राहुल गाँधी ने इस बात के लिए अपनी सहमति दी, जो आज बांग्लादेश में देखने को मिल रहा है। यानी शेख हसीना को हटाने के लिए दोनों के बीच सहमति बनी। सलाहुद्दीन शोएब चौधरी ने आगे कहा, “बांग्लादेश पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है और हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है।”
A few weeks ago, Rahul Gandhi visited London and he had a secret meeting with Tariq Rahman – the acting Chairperson of Bangladesh Nationalist Party: Salah Uddin Shoaib Choudhury (@salah_shoaib) Editor, Blitz
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 10, 2024
This is serious. Balak Buddhi must clarify on this visit and who he met. pic.twitter.com/kk6TFoKsBh
बांग्लादेश के वरिष्ठ पत्रकार के इस दावे पर भाजपा ने कॉन्ग्रेस पर हमला बोला है। भाजपा के IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, “यह गंभीर मामला है। बालक बुद्धि को इस यात्रा के बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए और यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने किससे मुलाकात की।” भाजपा नेता सरदार आरपी सिंह ने भी राहुल गाँधी से सवाल किया है।
सरदार आरपी सिंह ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “राहुल गाँधी को लंदन में बीएनपी के तारिक रहमान के साथ अपनी बैठक के बारे में स्पष्ट करना चाहिए। क्या उन्होंने बांग्लादेश में तख्तापलट और हिंदुओं के नरसंहार को आगे बढ़ाने का आदेश दिया था? यह जानकारी बांग्लादेश में बैठे ब्लिट्ज के संपादक सलाउद्दीन चौधरी ने साझा की है।”
.@RahulGandhi should clarify about his meeting with Tariq Rahmanof BNP, in London & did he
— RP Singh National Spokesperson BJP (@rpsinghkhalsa) August 9, 2024
ordered to go ahead with the coup & massacre of Hindus in Bangladesh.
This information is shared by Salauddin Choudhary ,who is an Editor of Blitz – sitting in Bangladesh. https://t.co/2zHjUpMKBz
सलाहुद्दीन शोएब चौधरी ने 4 अगस्त 2024 को ऑपइंडिया के लिए एक लेख लिखा था, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश में तख्ता पलट को लेकर कई गंभीर मुद्दों का खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि शेख हसीना सरकार का तख्ता पलट के लिए छात्रों को आगे करने वाली खालिदा जिया की BNP आतंकी संगठन अल कायदा से जुड़ी हुई है।
उन्होंने यह भी लिखा था कि BNP का कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान इस्लामी आतंकवादी और सजायाफ्ता है। वह साल 2007 से बांग्लादेश से फरार है और ब्रिटेन में रह रहा है। उन्होंने कहा कि तारिक रहमान ने शेख हसीना सरकार के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए डेविड बर्गमैन और जॉन डैनिलोविच जैसे पूर्व अमेरिकी राजनयिकों को लगाया था।
कौन है तारिक रहमान?
तारिक रहमान का जन्म 20 नवंबर 1967 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका हुआ है। वह बांग्लादेश की पहली महिला पीएम रहीं खालिदा जिया और बांग्लादेश के 7वें राष्ट्रपति रहे जियाउर रहमान के बेटे हैं। उनकी माँ खालिदा जिया इसके पहले वाली सरकार में एक राजनीतिक कैदी थीं। हाल ही में बांग्लादेशी सेना द्वारा देश तख्तापलट करने के बाद वह जेल से रिहा हुई हैं।
रहमान ने अपना राजनीतिक जीवन 1988 में बीएनपी के प्राथमिक सदस्य के रूप में शुरू किया। उन्होंने 1991 में राष्ट्रीय चुनावों के दौरान अपनी माँ के लिए प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 1996-2001 के दौरान जब अवामी लीग सत्ता में थी, रहमान ने हाशिए पर पड़े लोगों के लिए न्याय की आड़ में सरकार के खिलाफ सक्रिय रूप से आंदोलन चलाया।
यूनाइटेड किंगडम में निर्वासित जीवन बिताने वाले तारिक रहमान 21 अगस्त 2004 को अवामी लीग की रैली पर ग्रेनेड फेंकने के मास्टरमाइंड है। इसमें शेख हसीना को निशाना बनाने के लिए सैन्य-ग्रेड आर्गेस ग्रेनेड से हमला किया गया था। हमले में महिला अवामी लीग की अध्यक्ष और दिवंगत राष्ट्रपति जिल्लुर रहमान की पत्नी इवी रहमान सहित 24 नेता और कार्यकर्ता मारे गए थे।
इस हमले के लिए तारिक रहमान को अदालत ने 10 अक्टूबर 2018 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 11 सितंबर 2008 को रहमान इलाज का बहाना बनाकर लंदन भाग गए। ऐसा भी कहा जाता है कि उन्होंने एक लिखित बॉन्ड दिया था कि वह भविष्य में राजनीति में शामिल नहीं होंगे। इसके बाद उन्हें लंदन जाने की अनुमति दी गई थी।
खालिदा ज़िया ने दावा किया कि बांग्लादेश लौटने के बाद उनका बेटा सक्रिय रूप से राजनीति में भाग लेगा। हालाँकि, लंदन से ही तारिक शेख हसीना सरकार के खिलाफ काम करने लगे। इसके बाद तारिक को सजा होने के बाद शेख हसीना सरकार ब्रिटेन की सरकार पर तारिक के प्रत्यर्पण के लिए लगातार दबाव डाल रही थी। हालाँकि, वह इसमें सफल नहीं हुईं।