Saturday, July 27, 2024
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SC वकीलों को धमकाने में अमेरिकी टेलिकॉम सर्विस का इस्तेमाल, SFJ का पन्नू सीधे तौर पर शामिल: दिल्ली पुलिस का खुलासा, PM मोदी की सुरक्षा चूक से जुड़ा है मामला

“पन्नू की भूमिका सामने आने के बाद, पुलिस अब पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (MLAT) के तहत अधिक जानकारी हासिल कर रही है और आगे की मदद के लिए संबंधित एजेंसी से संपर्क कर रही है।”

जनवरी में पंजाब दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक की दिल्ली पुलिस जाँच कर रही है। गुरुवार (7 अप्रैल 2022) को इसकी रिपोर्ट आई है। रिपोर्ट में पता चला है कि प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक समूह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू मामले की सुनवाई के दिन सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों को धमकी भरे संदेश भेजने में सीधे तौर पर शामिल था। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने कहा कि पन्नू ने वकीलों को जान से मारने की धमकी देने के लिए अमेरिका के दूरसंचार सेवा का इस्तेमाल किया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमने उस टेलीकॉम सर्विस फर्म से संपर्क किया। उसने हमें अकाउंट होल्डर का डिटेल दिया। हालाँकि, सभी डॉक्यूमेंट्स पन्नू से संबंधित थे, लेकिन अकाउंट होल्डर का नाम पन्नू नहीं था।” 

जब पुलिस ने सर्विस प्रोवाइडर से काफी देर तक पूछताछ की तो उसने बताया कि अकाउंट होल्डर ने जाँच के बारे में पता चलने के बाद अपना नाम बदल दिया। इस दौरान यह भी पता चला कि फर्म ने ही उसे जाँच के बारे में जानकारी दी थी। एक अधिकारी ने कहा, “पन्नू की भूमिका सामने आने के बाद, पुलिस अब पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (MLAT) के तहत अधिक जानकारी हासिल कर रही है और आगे की मदद के लिए संबंधित एजेंसी से संपर्क कर रही है।” मामले में पुलिस ने कई FIR दर्ज कर ली है, लेकिन यह पहली बार नहीं है, जब पन्नू की सीधे तौर पर संलिप्तता पाई गई है।

बता दें कि जनवरी के महीने में सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों ने +447418365564 से एक अनजान ऑटोमैटिक प्री-रिकॉर्डेड कॉल आने की शिकायत की थी। फोन करने वाले ने सुप्रीम कोर्ट के जजों को सुरक्षा उल्लंघन के मामले की सुनवाई से यह करते हुए दूर रहने की चेतावनी दी कि सुप्रीम कोर्ट 1984 के सिख विरोधी दंगों के दोषियों को दंडित नहीं कर पाया।

सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) ने तब सुप्रीम कोर्ट के महासचिव को पत्र लिखकर गुमनाम कॉल करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की माँग की थी। साथ ही, दिल्ली पुलिस ने भी भारतीय दंड संहिता (IPC) और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के संबंधित धाराओं के तहत मामले में FIR दर्ज की।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुरक्षा उल्लंघन मामले की जाँच के लिए जस्टिस इंदु मल्होत्रा ​​की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने के निर्देश के बाद इन वकीलों को धमकी दी गई थी। शीर्ष अदालत ने कहा था कि पैनल सुरक्षा उल्लंघन के कारणों की जाँच करेगा और भविष्य में प्रधानमंत्री और अन्य संवैधानिक पदाधिकारियों के सुरक्षा उल्लंघन को रोकने के लिए किए जाने वाले उपायों की भी जाँच करेगा।

गौरतलब है कि 5 जनवरी को किसानों द्वारा फ्लाईओवर को ब्लॉक करने के कारण पंजाब में एक फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला लगभग 20 मिनट तक रुका रहा। निजी वाहनों को काफिले के पास आते देखा गया, जो कि बड़ा सुरक्षा उल्लंघन था। गृह मंत्रालय के अनुसार, पंजाब सरकार किसी भी सड़क यातायात की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात करने में विफल रही। कथित तौर पर SFJ ने सड़क को ब्लॉक करने की जिम्मेदारी ली थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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