आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने कश्मीर के अलगाववादी एवं कट्टरपंथी नेता यासीन मलिक की सजा को लेकर एक बार फिर भड़काऊ बयान दिया है। यासीन मलिक को आइकॉनिक नेता बताते हुए उसकी सजा के विरोध में मुस्लिमों से अमरनाथ यात्रा रोकने की अपील की है।
SFJ के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) के सामने आए वीडियो में वह मुस्लिम से कह रहा है कि यासीन मलिक भारत का संविधान और कानून नहीं मानता। वह आइकॉनिक अलगाववादी नेता है। उसकी विरोध के विरोध में मुस्लिमों को अमरनाथ यात्रा नहीं होने देनी चाहिए। इसमें उन्हें सिखों का समर्थन मिलेगा।
SFJ Khalistan Support #YasinMalik
— Jassi singh (@JassiSingh0123) May 26, 2022
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अंग्रेजी में किए गए अपने अपील में पन्नू ने कहा, “कश्मीरी स्वतंत्रता सेनानियों और पंडितों के लिए संदेश! हमेशा की तरह एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने अल्पसंख्यक मुस्लिमों के प्रति पक्षपात किया है। उसने भारत अधिकृत कश्मीर के आइकॉनिक फ्रीडम फाइटर यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है।”
सजायाफ्ता कश्मीरी आतंकी के समर्थन में धमकी देते देते हुए पन्नू ने कहा, “यासीन मलिक भारतीय संविधान और भारतीय कानून में विश्वास नहीं करते हैं। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट को कानून की व्याख्या करने का अधिकार है, लेकिन अलगाववाद के लिए फंडिंग आतंकवाद नहीं है। आपने आतंकवाद के बारे में सुनकर रखा है, लेकिन अभी तक आतंकवाद को देखना नहीं है।”
मुस्लिमों से अमरनाथ यात्रा को रोकने का आह्वान करते हुए खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने कहा, “कश्मीरी फ्रीडम फाइटर्स से मेरा आह्वान है कि वे यासीन मलिक के समर्थन में बाहर आएँ और अमरनाथ यात्रा को रोकें। याद रखें कि अमरनाथ यात्रा को रोकने से कश्मीर की स्वतंत्रता मूवमेंट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाईलाइट होगा। अब आपका (मुस्लिमों का) समय है। घाटी से बाहर निकलो और अमरनाथ यात्रा को रोको, ताकि दुनिया जान सके कि भारत मुस्लिमों, कश्मीरी अलगाववादियों और पंजाब में सिखों के खिलाफ अपराध कर रहा है।”
पन्नू ने कहा कि इस मामले से कश्मीरी पंडित दूर रहें। उसने कहा, “कश्मीरी पंडितों से मेरा आग्रह है कि वे इस मुद्दे से दूर रहें, क्योंकि यह मुद्दा कश्मीरी मुस्लिम और भारत के बीच का है। भारत अमरनाथ यात्रा का प्रयोग कश्मीरियों को आतंकी साबित करने के लिए करता है। हम सिख समुदाय, खालिस्तान समर्थक सिख आपके द्वारा अमरनाथ यात्रा रोके जाने का समर्थन करते हैं।”
कौन है खालिस्तानी आतंकी पन्नू
बता दें कि विदेश में बैठा पन्नू पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी और इस्लामिक आतंकवाद का मास्टरमाइंड ISI के इशारे पर भारत में खालिस्तान आंदोलन को फिर से भड़काने की कोशिश में लगा रहता है। इसके लिए वह मुस्लिम आतंकियों का भी खुलेआम समर्थन करता है और कश्मीर और पंजाब को भारत का हिस्सा मानने से इनकार करता है।
गुरपतवंत सिंह पन्नू पंजाब के अमृतसर के खानकोट गाँव में पैदा हुआ था। उसके पिता महिंदर सिंह भारत विभाजन के समय पाकिस्तान से खानकोट आए थे। महिंदर सिंह मार्कफैड में नौकरी करते थे। बाद में पन्नू और उसका भाई मंगवंत सिंह विदेश में जाकर बस गए। इसके बाद पन्नू खालिस्तान मूवमेंट से जुड़ गया।
पन्नू के पिता की मौत बहुत पहले हो गई थी। कुछ वर्षों पहले उसकी माँ की भी मौत हो गई। भारत में उसका अब कोई परिवार नहीं है। मौत से पहले उसने अपनी माँ को बताया था कि वह कनाडा में बहुत बड़ा वकील है।
खालिस्तान मूवमेंट को लेकर भारत सरकार ने पन्नू को 1 जुलाई 2020 को संशोधित UAPA कानून के तहत आतंकवादी घोषित कर रखा है। उसके बाद NIA ने इस ऐक्ट की धारा 51A के तहत अमृतसर स्थित उसकी अचल संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया था।
इसके साथ ही उस पर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों में राजद्रोह का केस दर्ज है। हाल ही में उसने पंजाब और हरियाणा के कलेक्टर ऑफिस पर खालिस्तान का झंडा फहराने की अपील की थी। इसके पहले लाल किले पर कथित किसानों के उपद्रव के दौरान भी उसका नाम आया था।