महाराष्ट्र के रायगढ़ में गुरुवार (18 अगस्त 2022) को एक संदिग्ध नौका मिली थी। इस नौका से हथियार और विस्फोटक बरामद हुए थे। हालाँकि इसके पीछे कोई आतंकी साजिश होने की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन एक तथ्य यह भी है कि 1993 में मुंबई सीरियल ब्लास्ट के लिए साजो-सामान लेकर ‘बिस्मिल्लाह’ नाम की नौका रायगढ़ ही आई थी। रिपोर्टों के अनुसार 93 बम धमाकों से पहले दुबई में गुप्त मीटिंग हुई थी। गुरुवार को मिली नौका भी आखिरी बार दुबई से ही रवाना हुई थी।
यही कारण है कि रायगढ़ जिले के श्रीवर्धन तालुके के हरिहरेश्वर में समुद्र से संदिग्ध नाव मिलने के बाद पुलिस ने जिले भर में हाई अलर्ट जारी कर दिया। नाव में 3 एके-47 राइफल्स, कारतूस और कुछ कागजात मिले हैं। नौका में हथियार होने के मकसद की पड़ताल चल रही है।
Maharashtra | Security personnel deployed on a beach in Raigad district where a suspicious boat with three AK-47 rifles was seized yesterday pic.twitter.com/ifyY3jSrZK
— ANI (@ANI) August 19, 2022
सीएनएन-न्यूज18 की रिपोर्ट में शीर्ष खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि गुरुवार को मिली नाव मई-जून में दुबई से रवाना हुई थी, जिसमें तीन क्रू मेंबर्स और पाँच यात्री सवार थे। 16 मीटर लंबी इस नाव ने 26 जून को ओमान की खाड़ी में मदद की गुहार लगाई थी। इसके बाद 27 जून को कंबाइंड टास्क फोर्स (CTF)-151 के कोरियाई नौसेना के पोत ROKS Dae Jo Yeon ने सभी को बचा लिया था।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बताया था कि इस नौका का नाम लेडी हान है। इसका मालिक हाना लॉर्डऑर्गन नामक एक ऑस्ट्रेलियाई महिला के पास है। उन्होंने हाई टाइड के कारण नाव के रायगढ़ तट पर आने की संभावना जताई थी।
तब रायगढ़ ही लाया गया था आरडीएक्स
12 मार्च 1993 को मुंबई में दो घंटे के भीतर सिलसिलेवार 12 बम धमाके हुए थे। सीरियल बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 713 लोग घायल हो गए थे। धमाकों के लिए रायगढ़ में ही आरडीएक्स, गोला-बारूद और अन्य हथियारों की खेप आई थी। इसके बाद मुंबई में अलग-अलग जगहों पर विस्फोटक प्लांट किए गए थे। ATS ने बताया था कि दुबई में एक सीक्रेट मीटिंग में इसका प्लान बना था। इस मीटिंग के बाद अल सदाबहार और बिस्मिल्लाह नाम की मछली पकड़ने वाली दो नौका एके-47, एके-56, पिस्टल, ग्रेनेड समेत तरह-तरह के हथियार और गोला-बारूद के साथ पाकिस्तान के कराची बंदरगाह से रवाना हुए थे।
कुछ दिनों बाद अल सदाबहार गुजरात के गोसबारा तट पर पहुँचा, जबकि बिस्मिल्लाह महाराष्ट्र की तरफ बढ़ गया और रायगढ़ जिले के शेखाड़ी तट पर ठहर गया। बिस्मिल्लाह में भरे विस्फोटक मुंबई लाए गए और 1993 के सीरियल ब्लास्ट को अंजाम दिया गया। उधर, अल सदाबहार से लाए गए हथियार और गोला-बारूद ट्रकों और कारों के जरिए मुंबई के वलसाड स्थित उमगग्राम लाया गया था। फिर वहाँ से उसे पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश भेजा गया।