जम्मू-कश्मीर के दक्षिणी भाग के अनंतनाग जिले में बुधवार को सुरक्षाबलों की ओर शुरू किये गए घेराबंदी एवं तलाशी अभियान के वक़्त मुठभेड़ हो गई जिसमें सुरक्षाबलों ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया है। वहीं शांति और स्थिरता की स्थिति बनाए रखने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर के डाउनटाउन इलाके के प्रमुख दंगाई हयात अहमद भट को भी गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि अनंतनाग से तीन किलोमीटर दूर बिजबेहरा के पजालपोरा में बुधवार तड़के साढ़े तीन बजे आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिलने पर राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने एक संयुक्त अभियान शुरू किया।
J&K: Police today arrested Hayat Ahmad Bhat, the main instigator of law and order disturbance in the Downtown area of Srinagar city. pic.twitter.com/wILQv8EQVH
— ANI (@ANI) October 16, 2019
बाहर भागने के सभी संभव रास्तों को करने के बाद वहाँ पहले से छिपे आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर स्वचालित हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी जिसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई शुरू की तो दोनों के बीच मुठभेड़ की शुरुआत हो गई।
खबर है कि पिछले हफ्ते भी सैन्य-सुरक्षाबलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा की गई संयुक्त कार्रवाई में लश्कर-ए-तैय्यबा के दो स्थानीय आतंकवादी मारे गए थे। पुलिस का यह अभियान जम्मू-कश्मीर पुलिस को अवंतीपुरा जिले के कावनी गाँव में दो आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिलने के बाद शुरू हुआ।
साथ ही आज भी इलाके में तीन आतंकवादियों के खात्मे की खबर सामने आई है। आतंकवादियों ने जिस मकान में शरण ली थी उसे विस्फोट कर उड़ा दिया गया। बता दें की अभियान समाप्त हो गया मगर अभी तलाश अभियान जारी है। साथ ही मुठभेड़ वाले घटनास्थल तक जाने वाली सड़कों को सील कर दिया गया है। सभी स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भी एहतियातन तैनात कर दिया गया है। कानून और व्यवस्था बनाये रखने के लिए श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
तकरीबन 70 दिनों के बाद सोमवार से पोस्ट-पेड मोबाइल सेवा की बहाली के बाद सुरक्षाबलों के साथ आतंकवादियों की यह पहली मुठभेड़ की घटना है, बता दें कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 को खत्म करने तथा राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के निर्णय के बाद से ही पूरे जम्मू-कश्मीर में संचार सेवा को स्थगित कर दिया गया था।