जम्मू एयरपोर्ट पर भारतीय वायुसेना स्टेशन के तकनीकी क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से हुए हमले के बाद अब रत्नूचक (कालूचक) सैन्य क्षेत्र में दो ड्रोन दिखाई दिए। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 27-28 जून की मध्यरात्रि को रत्नूचक इलाके में भारतीय सेना के ब्रिगेड हेडक्वार्टर के ऊपर दो ड्रोन को उड़ता हुआ देखा गया। हालाँकि तुरंत ही क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) ने गोलीबारी की जिसके बाद दोनों ड्रोन वापस लौट गए।
इस घटना के बाद से सेना के अलावा पुलिस भी सतर्क हो गई है। जम्मू के कालूचक इलाके में जम्मू पुलिस के द्वारा सभी तरह के वाहनों की जाँच की गई।
J&K: Police personnel check vehicles in Kaluchak area of Jammu.
— ANI (@ANI) June 28, 2021
2 separate drone activities were spotted over Ratnuchak-Kaluchak Military area by troops on the intervening night of 27-28 June. The drones flew back after QRT engaged them with firing. Security forces on high alert pic.twitter.com/nvQnZKNOMx
लेफ्टिनेंट कर्नल देवेन्द्र आनंद PRO (डिफेंस) ने न्यूज एजेंसी एएनआई को यह सूचना दी कि ड्रोन दिखने के बाद सुरक्षा कर्मियों को हाई अलर्ट किया गया जिसके बाद QRT सक्रिय हुई और गोलीबारी की जिससे दोनों ड्रोन वापस लौट गए। आनंद ने यह भी बताया कि सैन्य कर्मियों की सतर्कता के कारण एक बड़ा खतरा टल गया और सभी सुरक्षाकर्मी हाई अलर्ट पर हैं एवं सर्च ऑपरेशन जारी है।
High alert was sounded & Quick Reaction Teams engaged them with firing. Both the drones flew away. A major threat thwarted by the alertness & proactive approach of troops. Security forces are on high alert & search operation is in progress: Lt Col Devender Anand
— ANI (@ANI) June 28, 2021
PRO (Defence)
सूत्रों के द्वारा यह जानकारी प्राप्त हुई है कि ड्रोन दिखाई देने के बाद तुरंत ही ब्रिगेड हेडक्वार्टर के आसपास के इलाके को सुरक्षित किया गया और साथ ही सर्च ऑपरेशन चलाया गया। हालाँकि सूत्रों के मुताबिक फिलहाल रत्नूचक इलाके में किसी प्रकार की कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है।
मीडिया खबरों से यह जानकारी भी सामने आ रही है कि केन्द्रीय जाँच एजेंसियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के द्वारा की गई जाँच में प्रथम दृष्ट्या यह संभावना जताई जा रही है कि इन ड्रोन हमलों में पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है। इसके अलावा यह भी संभावना है कि आतंकी संगठन के निशाने पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और पार्क किए गए हेलिकॉप्टर अथवा राडार थे।
ज्ञात हो कि जम्मू के एयरपोर्ट में भारतीय वायुसेना के अधिकार वाले क्षेत्र में रविवार (27 जून) को दो विस्फोट हुए थे। हमले के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। शुरुआती जाँच में माना जा रहा है कि ऐसा करके पाकिस्तान ने 2016 में हुए पंजाब के पठानकोट हमले को दोहराने की कोशिश की है।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने दो बम धमाकों को आतंकी हमला बताया है। इस हमले के बाद एनआईए भी जाँच में जुट गई थी और मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के द्वारा UAPA के तहत केस भी दर्ज कर लिया गया है।