भारत विरोधी वामपंथी ब्रिटिश प्रोफ़ेसर निताशा कौल को एक प्रिवेंटिव लुकआउट सर्कुलर के कारण देश में नहीं घुसने दिया गया था। इस कारण से कौल को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर ही रोक कर वापस इंग्लैंड भेज दिया गया। उसके खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों ने यह सर्कुलर जारी किया था।
यह सारी जानकारी टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट में सरकार के सूत्रों के हवाले से दी गई। सुरक्षा एजेंसियों ने निताशा कौल के भारत विरोधी रवैये और कश्मीर पर लगातार भ्रम फैलाकर भारत की छवि खराब करने के कारण उसे देश में घुसने से रोकने का निर्णय लिया था। बताया गया है कि निताशा कौल द्वारा कश्मीर पर फैलाया गए प्रोपगैंडा का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इस्तेमाल कर रही है। ISI इसके जरिए भारत विरोधी भावनाओं को हवा देना चाहती है।
इस विषय में एक अधिकारी ने एजेंसी को कथित तौर पर बताया, “किसी को देश में घुसने से रोकने के लिए जारी किए जाने वाले सर्कुलर सुरक्षा एजेंसियों की माँग पर जारी होते हैं। जिस भी व्यक्ति के विरुद्ध यह जारी होते हैं, उसके विषय में यह जाँच की जाती है कि क्या उसने पहले भारत विरोधी रवैया अपनाया जिससे देश की एकता और संप्रुभता पर खतरा आया हो। क्या वह भारत आकर भी ऐसा ही रुख अपना सकते हैं।”
गौरतलब है कि एक कश्मीरी पंडित और ब्रिटिश नागरिक निताशा कौल ने एक्स (पहले ट्विटर) पर एक थ्रेड लिख कर दावा किया था कि उसे भारत में नहीं घुसने दिया गया। उसने दावा किया था कि यहाँ अधिकारियों ने उससे कहा कि उन्हें दिल्ली से आदेश आया था। उसने इस पोस्ट थ्रेड में उसने काफी प्रलाप किया था।
निताशा बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आई थी। उसे कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार ने आमंत्रित किया था। उसे भारत में घुसने से रोक दिया गया और फिर अगली फ्लाइट से वापस इंग्लैंड भेज दिया गया था। गौरतलब है कि निताशा भले ही ब्रिटिश नागरिक है लेकिन उसके पास ओवरसीज सिटीजन ऑफ़ इंडिया (भारतीय प्रवासी कार्ड) भी है जिसके अंतर्गत वह बिना किसी वीजा के भारत आ जा सकती है। हालाँकि, निताशा कौल के खिलाफ जारी किया गया सर्कुलर उसके भारत में ना घुस पाने की वजह बना।
निताशा ने पाकिस्तान में जाकर भारत विरोधी बातें की हैं, वह कश्मीर में हिन्दुओं के नरसंहार को भी नहीं मानती है। वह भारत पर आरोप लगाती है कि उसने कश्मीर पर कब्जा कर रखा है। इसके अलावा उसके ISI के लोगों से जुड़े होने का शक है।