राजस्थान में महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा ने खुद की बेगुनाही साबित करने के लिए आत्महत्या कर ली है। उन्होंने मंगलवार (29 मार्च 2022) को अपने घर में ही फाँसी लगा ली। एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। वे राजस्थान के दौसा जिले का लालसोट कस्बे की एक निजी अस्पताल में डॉक्टर थीं। प्रसव के दौरान एक महिला की मौत होने के बाद उसके परिजनों ने महिला डॉक्टर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. अर्चना (42) और उनके पति डॉ. सुनीत उपाध्याय (45) का लालसोट कस्बे में आनंद नाम का अस्पताल है। पास में खेमवास गाँव है। वहीं के रहने वाले लालूराम बैरवा की पत्नी आशा गर्भवती थी और सोमवार को उन्हें प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। दोपहर में महिला की डिलीवरी कराई जाने लगी तो बहुत अधिक ब्लीडिंग होने के कारण मौत हो गई। हालाँकि, नवजात को बचा लिया गया। इसके बाद मृतक महिला के परिजनों ने मुआवजे की माँग को लेकर अस्पताल के बाहर धरना दिया। साथ ही डॉ. अर्चना के खिलाफ लालसोट थाने में हत्या की धारा 302 के तहत केस दर्ज कराया।
गायनेकॉलिजस्ट थीं डॉ अर्चना
डॉ. अर्चना शर्मा गायनेकॉलिजिस्ट थीं और 8 सालों से प्रैक्टिस कर रही हैं। उनके परिजन वंदना के अनुसार मंगलवार की सुबह करीब 11 बज वो जब घर की तीसरी मंजिल पर स्थित डॉ. अर्चना के कमरे में गई तो दरवाजा अंदर से बंद था। काफी देर तक आवाज लगाने के बाद भी उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। इसके बाद अर्चना के पति ने धक्का मारकर दरवाजा खोला तो पाया कि वह फंदे से लटकी हुई थीं। लालसोट पुलिस थाना अधिकारी अंकेश चौधरी ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजनों को सौंप दिया गया है।
‘मेरा मरना शायद मेरी बेगुनाही साबित कर दे’
डॉ. अर्चना शर्मा ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। इसमें उन्होंने लिखा, “मैं अपने पति, बच्चों से बहुत प्यार करती हूँ। प्लीज मेरे मरने के बाद इन्हें परेशान मत करना। मैंने कोई गलती नहीं की। किसी को नहीं मारा। पीपीएच कॉम्प्लिकेशन है। इसके लिए डॉक्टर को इतना प्रताड़ित करना बंद करो। मेरा मरना शायद मेरी बेगुनाही को साबित कर दे। बेगुनाह डॉक्टरों को प्रताड़ित करना बंद करो प्लीज।”
इस बीच मृतक डॉक्टर के पति ने भी पुलिस में शिकायत कर आरोप लगाया है कि दबाव में पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया था। इस मामले में राजस्थान के डीजीपी एमएल लाठर ने कार्रवाई की बात कही है। वहीं जिले के एसपी अनिल कुमार का कहना है कि राजस्थान में फ्री रजिस्ट्रेशन पॉलिसी है। जाँच के बाद अगर सबूत नहीं मिलते तो धाराएँ हटा दी जाती हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, ऐसे मामलों में 302 नहीं लगता।
इस बीच डॉक्टरों के संगठन फेडरेशन ऑफ रेसीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (FORDA) ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर डॉ. अर्चना शर्मा के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने औऱ उन्हें मुआवजा देने की माँग की है।
FORDA has written to Rajasthan CM demanding proper investigation, immediate withdrawal of FIR and compensation to the family in the suicide case of Dr Archana in Dausa. pic.twitter.com/c5YLGeuTsX
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) March 30, 2022
वहीं राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कॉन्ग्रेस को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कॉन्ग्रेसी नेताओं के दबाव में पुलिस ने संवेदनहीनता की पराकाष्ठा पार कर दी है।