राँची की एक अदालत ने ग्रैजुएशन की छात्रा ऋचा भारती को कुरान बाँटने की शर्त पर जमानत दे दी है। ऋचा पर आरोप है कि उन्होंने फेसबुक पर सांप्रदायिक (लेकिन आपत्तिजनक) पोस्ट किया था। इस संबंध में अंजुमन कमिटी ने पोस्ट को आपत्तिजनक और धार्मिक भावना को आहत करने वाला बताते हुए उनके खिलाफ FIR दर्ज कराया था।
सशर्त जमानत देते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया कि ऋचा को विभिन्न संस्थाओं को कुरान की 5 प्रतियाँ बाँटनी होंगी। न्यायिक मैजिस्ट्रेट मनीष सिंह ने ऋचा को निर्देश दिया कि वह कुरान की एक कॉपी अंजुमन कमिटी और 4 अन्य कापियाँ विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों को बाँटेंगी। साथ ही उसकी रशीद लेनी होगी।
कोर्ट ने इसके लिए ऋचा को 15 दिनों का समय दिया है। हालाँकि कोर्ट ने इस कार्य में (कुरान की 5 प्रतियाँ बाँटने) स्थानीय पुलिस को ऋचा की मदद करने का भी निर्देश दिया।
ऋचा भारती ने कोर्ट के आदेश को मानने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि आज कुरान बाँटने का आदेश दिया गया है, कल को इस्लाम स्वीकार करने या नमाज पढ़ने का आदेश देंगे तो वह कैसे स्वीकार किया जा सकता है। ऋचा ने अपने तर्क को आगे बढ़ाते हुए यह भी कहा कि क्या किसी समुदाय विशेष के व्यक्ति को सजा के तौर पर दुर्गा पाठ करने या हनुमान चालीसा पढ़ने का आदेश कोर्ट ने सुनाया है?
क्या है पूरा मामला
राँची के पिठोरिया से ग्रेजुएशन पार्ट थ्री में पढ़ाई करने वाली ऋचा भारती पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए धर्म-विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इससे समुदाय विशेष के लोग आहत हो गए थे। इसकी प्रतिक्रिया में अंजुमन कमिटी पिठोरिया ने उनकी पोस्ट को आपत्तिजनक और धार्मिक भावना को आहत करने वाला बताते हुए एफआईआर दर्ज कराया था। स्थानीय पुलिस ने अंजुमन कमिटी की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 2 घंटे के भीतर ऋचा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
FB पोस्ट पर बवाल: लड़की को जेल लेकिन संप्रदाय-विशेष के लोग अब भी बाहर
पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई से स्थानीय लोग गुस्से में आ गए थे। उनका कहना था कि ऋचा को दो घंटे के अंदर जेल भेज दिया गया, जबकि उसी पोस्ट पर कई गंभीर टिप्पणी करने वाले बाहर हैं। थानेदार द्वारा बिना जाँच-पड़ताल किए ऋचा को जेल भेजने के खिलाफ शनिवार (जुलाई 13, 2019) को जनाक्रोश भड़क गया था। लोग उन्हें रिहा करने और थानेदार पर कार्वाई की माँग कर रहे थे।
ऋचा भारती के समर्थन में विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस, बजरंग दल, हिंदू जागरण मंच के राँची जिला के पदाधिकारी भी थाना पहुँचे थे। लोगों ने थानेदार पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि अगर जिस धर्म को लेकर लड़की ने टिप्पणी की है, तो उसी धर्म के लोगों ने प्रतिक्रिया में लड़की के धर्म को लेकर भी बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की है। ऐसे में जब मामला दोनों तरफ से था तो फिर कार्रवाई एकतरफा क्यों की गई?