Wednesday, April 24, 2024
Homeविविध विषयअन्यराइफ़लमैन औरंगजेब की हत्या: आतंकियों से मिलकर कश्मीर के जवानों ने ही दिया था...

राइफ़लमैन औरंगजेब की हत्या: आतंकियों से मिलकर कश्मीर के जवानों ने ही दिया था धोखा?

राष्ट्रीय राइफ़ल्स के जवानों से पूछताछ संबंधी जानकारी तब उजागर हुई, जब आबिद वानी (तीनों संदिग्ध जवानों में से एक) के भाई तौसीफ़ अहमद वानी को राष्ट्रीय राइफ़ल्स के द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया।

पिछले साल (2018) जून में कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों द्वारा राइफ़लमैन औरंगज़ेब के अपहरण और हत्या करने की घटना के संबंध में सेना ने सुरक्षा बलों के तीन जवानों को संदिग्ध माना है और उनसे पूछताछ कर रही है।

जानकारी के मुताबिक, 44 राष्ट्रीय राइफ़ल्स के तीन जवानों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। सेना को संदेह है कि राष्ट्रीय राइफ़ल्स के जवानों ने राइफ़लमैन औरंगजेब से जुड़ी जानकारी आतंकवादियों से साझा की थी।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के अनुसार, जिन तीन जवानों से पूछताछ की जा रही है, वो सभी दक्षिण कश्मीर से हैं। आबिद वानी, तजामुल अहमद और आदिल वानी – ये उन तीन जवानों के नाम हैं। रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया के अनुसार सेना उन परिस्थितियों की जाँच कर रही है, जिनके कारण औरंगज़ेब का अपहरण और फिर हत्या की गई।

बता दें कि राष्ट्रीय राइफ़ल्स के जवानों से पूछताछ संबंधी जानकारी तब उजागर हुई, जब बीते सोमवार (4 फ़रवरी 2019) को पुलवामा के जवान आबिद वानी (तीनों संदिग्ध जवानों में से एक) के भाई तौसीफ़ अहमद वानी को राष्ट्रीय राइफ़ल्स के द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया।

औरंगज़ेब 4 जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के साथ थे लेकिन उन्हें 44 राष्ट्रीय राइफ़ल्स में तैनात किया गया था। वह सैन्य अधिकारी मेजर शुक्ला के निजी गार्ड थे, जिन्होंने आतंकवादी समीर टाइगर को मारा था। मेजर शुक्ला 30 अप्रैल, 2018 को पुलवामा ज़िले के द्रुबगम गाँव में समीर टाइगर से हुई मुठभेड़ में घायल हो गए थे।

मारे गए राइफ़लमैन औरंगज़ेब ने पिछले साल जून में अपने परिवार के साथ ईद मनाने की योजना बनाई थी। घर जाने के लिए वह बस पकड़ने को कार से पुलवामा बस स्टैंड की ओर जा रहे थे। तभी आतंकवादियों ने उनकी कार को कुछ किलोमीटर पहले ही रोक लिया और अपहरण कर उन्हें मार डाला। उनका शव पुलवामा ज़िले के कलामपोरा में अपहरण के स्थल से लगभग 10 किलोमीटर दूर बरामद किया गया था। पोस्टमॉर्टम से पता चला था कि उनकी गर्दन और सिर पर गोलियाँ दागी गईं थी।

औरंगज़ेब जिस कार से जा रहे थे, उसके ड्राइवर की पहचान एक स्थानीय सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के फार्मासिस्ट फ़ारूक अहमद अल्लई के रूप में हुई है। अल्लई के अनुसार, पुलवामा ज़िले के कलामपोरा इलाक़े में आतंकवादियों द्वारा उनकी कार रोक ली गई थी। अल्लाई ने बताया कि आतंकवादियों ने उन्हें भी पीटा था। बाद में अल्लई ने घटना की विस्तृत जानकारी पुलवामा के राजपोरा पुलिस स्टेशन में दी थी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अमेरिका की यूनिवर्सिटी में आजादी के नारे और पुलिस पर हमला… फिलीस्तीन का समर्थन करने वालों पर सख्त हुआ US प्रशासन, 100+ गिरफ्तार

अमेरिका की यूनिवर्सिटियों से हिंसा की घटना प्रकाश में आने के बाद वहाँ का प्रशासन सख्त हैं और गिरफ्तारियाँ की जा रही हैं। NY यूनिवर्सिटी में 133 लोग गिरफ्तार किए गए थे।

‘सैम पित्रोदा हमारे गुरु’ कहकर कॉन्ग्रेस ने किया ‘मरने के बाद टैक्स’ वाला आइडिया खारिज: नुकसान से बचने के लिए ‘गोदी मीडिया’ पर निशाना

सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स वाले बयान से कॉन्ग्रेस ने किनारा कर लिया है। कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने इसे निजी बयान बताया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe