भीमा कोरेगाँव हिंसा मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (फरवरी 13, 2019) को बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्णय को पलट दिया। बता दें कि ट्रायल कोर्ट ने ग़ैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के मामले में पाँचों आरोपितों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल करने के लिए पुणे पुलिस को 90 दिनों का अतिरिक्त समय दिया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस फ़ैसले को रद्द कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट के इस निर्णय को रद्द करने के बाद सुरेंद्र गडलिंग सहित अन्य आरोपितों को डिफ़ॉल्ट ज़मानत मिलने की राह बंद हो गई है।
भीमा कोरेगाँव हिंसा मामले में चार्जशीट फ़ाइल करने के लिए SC ने 90 दिन की समय-सीमा बढ़ाई….पाँचों “ऐक्टिविस्ट” के लिए एक और झटका….डिफ़ॉल्ट बेल पाने की कोशिश नाकाम
— Manak Gupta (@manakgupta) February 13, 2019
फ़ैसला सुनाते हुए जस्टिस एसके कौल ने कहा कि इस मामले में पुलिस अपनी चार्जशीट दाख़िल कर चुकी है। हालाँकि, उन्होंने कहा कि आरोपित नियमित ज़मानत पाने लिए आवेदन देने को स्वतंत्र हैं। ज्ञात हो कि महाराष्ट्र सरकार की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने 10 जनवरी को ही अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुआई वाली पीठ में जस्टिस संजय किशन कॉल और जस्टिस एल नागेश्वर शामिल थे।
क्या था घटनाक्रम?
29 अक्टूबर 2008 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फ़ैसले को पलटते हुए गडवील को नोटिस जारी किया था। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने चार्जशीट समय पर दाख़िल न होने के पीछे तकनीकी कारणों का हवाला दिया था। 10 दिनों का समय मिलने के बाद पुलिस ने चार्जशीट दाख़िल कर दी थी।
भीमा- कोरेगांव हिंसा : SC ने चार्जशीट दाखिल करने की मोहलत रद्द करने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को रद्द किया https://t.co/rSqf9wVK7H
— लाइव लॉ हिंदी (@LivelawH) February 13, 2019
अर्बन नक्सलियों की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने महाराष्ट्र सरकार की दलीलों का विरोध किया था। निचली अदालत के फ़ैसले को रद्द करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था:
“आरोप-पत्र दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय देना और गिरफ्तार लोगों की हिरासत की अवधि बढ़ाने का निचली कोर्ट का आदेश गैरकानूनी है।”
#BreakingNews Supreme Court sets aside the Bombay High Court order of granting default bail to the five #UrbanNaxals involved in the #KoregaonBhima violence case. Huge victory for the Maharashtra police.
— Priti Gandhi (@MrsGandhi) February 13, 2019
आज बुधवार को हुई सुनवाई में आरोपितों की तरफ से कॉन्ग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। इन अर्बन नक्सलियों को पुणे में भड़की हिंसा के संबंध में गिरफ़्तार किया गया था। भीमा कोरेगाँव युद्ध की 200वीं बरसी मनाने के दौरान हिंसा भड़क गई थी।