Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजभीमा कोरेगाँव हिंसा: अर्बन नक्सलियों को नहीं मिलेगी डिफ़ॉल्ट ज़मानत

भीमा कोरेगाँव हिंसा: अर्बन नक्सलियों को नहीं मिलेगी डिफ़ॉल्ट ज़मानत

सुप्रीम कोर्ट द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट के इस निर्णय को रद्द करने के बाद सुरेंद्र गडलिंग सहित अन्य आरोपितों को डिफ़ॉल्ट ज़मानत मिलने की राह बंद हो गई है।

भीमा कोरेगाँव हिंसा मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (फरवरी 13, 2019) को बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्णय को पलट दिया। बता दें कि ट्रायल कोर्ट ने ग़ैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के मामले में पाँचों आरोपितों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल करने के लिए पुणे पुलिस को 90 दिनों का अतिरिक्त समय दिया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस फ़ैसले को रद्द कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट के इस निर्णय को रद्द करने के बाद सुरेंद्र गडलिंग सहित अन्य आरोपितों को डिफ़ॉल्ट ज़मानत मिलने की राह बंद हो गई है।

फ़ैसला सुनाते हुए जस्टिस एसके कौल ने कहा कि इस मामले में पुलिस अपनी चार्जशीट दाख़िल कर चुकी है। हालाँकि, उन्होंने कहा कि आरोपित नियमित ज़मानत पाने लिए आवेदन देने को स्वतंत्र हैं। ज्ञात हो कि महाराष्ट्र सरकार की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने 10 जनवरी को ही अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुआई वाली पीठ में जस्टिस संजय किशन कॉल और जस्टिस एल नागेश्वर शामिल थे।

क्या था घटनाक्रम?

29 अक्टूबर 2008 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फ़ैसले को पलटते हुए गडवील को नोटिस जारी किया था। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने चार्जशीट समय पर दाख़िल न होने के पीछे तकनीकी कारणों का हवाला दिया था। 10 दिनों का समय मिलने के बाद पुलिस ने चार्जशीट दाख़िल कर दी थी।

अर्बन नक्सलियों की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने महाराष्ट्र सरकार की दलीलों का विरोध किया था। निचली अदालत के फ़ैसले को रद्द करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था:

“आरोप-पत्र दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय देना और गिरफ्तार लोगों की हिरासत की अवधि बढ़ाने का निचली कोर्ट का आदेश गैरकानूनी है।”

आज बुधवार को हुई सुनवाई में आरोपितों की तरफ से कॉन्ग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। इन अर्बन नक्सलियों को पुणे में भड़की हिंसा के संबंध में गिरफ़्तार किया गया था। भीमा कोरेगाँव युद्ध की 200वीं बरसी मनाने के दौरान हिंसा भड़क गई थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -