पश्चिम बंगाल में क़ानून-व्यवस्था किस तरह से ममता सरकार में ध्वस्त है, इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्हीं के विधायक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। दरअसल, तृणमूल कॉन्ग्रेस के विधायक सत्यजीत बिश्वास अपने विधानसभा क्षेत्र कृष्णागुंज में अपनी पत्नी और 7 महीने के बेटे के साथ सरस्वती पूजन के लिए गए हुए थे।
बिश्वास जब कार्यक्रम के दौरान मंच से उतर रहे थे तभी कुछ हमलावरों ने क़रीब 100 लोगों की मौज़ूदगी में उनपर गोली चला कर हत्या कर दी। टीएमसी विधायक की हत्या ने ममता सरकार के क़ानून-व्यवस्था की पोल तो खोली ही है, साथ ही इस बात पर सोचने को मजबूर कर दिया है कि जब विधायक स्तर के शख़्स की इस प्रकार सरेआम हत्या हो सकती है तो आम जनजीवन कैसे सुरक्षित रह सकता है?
कॉन्ग्रेस द्वारा घटना का राजनीतिकरण
घटना के बाद टीएमसी ने अपने ही विधायक की हत्या का राजनीतिकरण करते हुए बीजेपी पर हत्या का आरोप लगा दिया। टीएमसी के महासचिव पार्थो चटर्जी ने कहा कि इस हमले के पीछे बीजेपी के हाथ है।
वहीं पूरे मामले पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि विधायक पर हमला, टीएमसी के भीतरी कलेश को दर्शाता है। इससे स्पष्ट होता है कि किस तरह आपसी गुटों में झगड़ा चल रहा है।