ईरान की इस्लामवादी सरकार हिजाब विरोधी प्रदर्शन में शामिल लोगों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार कर रही है। सोमवार (9 जनवरी, 2023) को ईरानी सरकार ने कथित तौर पर तीन सुरक्षा बलों की हत्या में शामिल होने के कारण, ‘अल्लाह के विरुद्ध युद्ध’ (War Against God) छेड़ने के आरोप में 3 लोगों को मौत की सजा सुनाई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी अदालत ने सुरक्षा बलों की हत्या के आरोप में सालेह मीर-हाशमी, माजिद काज़ेमी और सईद यघौबी को ‘मोहरेबेह’ यानी “अल्लाह के खिलाफ युद्ध” का दोषी ठहराया है।
Iran sentences three more protesters to death, amid global outrage
— ANI Digital (@ani_digital) January 10, 2023
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बताया जा रहा है कि दोषी ठहराए गए तीनों लोगों को अपनी सजा के खिलाफ सुनवाई का मौका दिया जाएगा। ईरान की इस्लामवादी सरकार अब तक हिजाब विरोधी प्रदर्शन में शामिल 17 लोगों को फाँसी की सज़ा सुना चुकी है। इसमें, 6 लोगों की दोबारा सुनवाई का मौका दिया गया है।
बता दें कि इससे पहले शनिवार (7 जनवरी, 2023) को भी ईरान में 2 लोगों को फाँसी पर लटका दिया था। इन दोनों युवकों पर आरोप था कि ये महसा अमिनी के साथ हुए अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान इनके कारण एक सुरक्षाकर्मी की जान चली गई। ऐसे मामलों में 3 अन्य लोगों को सजा-ए-मौत दी गई है जबकि 11 को जेल की सजा सुनाई गई है।
बता दें कि इससे पहले 12 दिसंबर 2022 को हिजाब विरोधी प्रदर्शन के दौरान 23 साल के एक युवक को फाँसी पर लटकाया गया था। युवक का नाम माजीदरेगा रेहनवर्द था। उसे शहर में सरेआम फाँसी दी गई थी। अंतिम वीडियो में रेहन ने कहा था कि उसकी मौत का मातम नहीं मनाया जाना चाहिए। उसकी मौत के बाद कोई कुरान न पढ़े। वीडियो को ईरानी ह्यूमन राइट एनजीओ के डायरेक्टर महमूद अमीरी ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया था। वीडियो में रेहनवर्द की आँखों पर पट्टी बँधी थी। दो नकाबपोश गार्डों ने उसे घेर रखा था।
उल्लेखनीय है कि ईरान में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन 16 सितंबर को 22 साल की एक लड़की महसा अमिनी की मौत के बाद शुरू हुए थे। पुलिस ने महसा को हिजाब नहीं पहनने के लिए गिरफ्तार किया था। कस्टडी में उसकी जान चली गई थी। जब ईरान में इस घटना का विरोध शुरू हुआ तो लोगों में डर पैदा करने के लिए नौजवानों को सरेआम फाँसी दी जाने लगी। सबसे पहले मोहसिन शेखरी नाम के प्रदर्शनकारी को सूली पर चढ़ाया गया था। उन्हें रेहनवर्द से भी पहले 8 दिसंबर 2022 को फाँसी दी गई थी।