जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) लंबे समय से देश-विरोधी नारेबाजी आदि के लिए, नकारात्मक बातों के लिए ही चर्चा में रहती है। यहाँ छात्रों के ज़रिए ऐसे मुद्दों को हवा देने का काम किया जाता है जिनका उद्देश्य केवल अराजकता फैलाना भर रहता है। अपने एक और कृत्य के ज़रिए JNU ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आख़िर उसकी जो वामपंथी वाली विचारधारा वाली पहचान बनी है वो कितनी सही है।
दरअसल, ज़ी न्यूज़ चैनल की एक महिला पत्रकार किसी मुद्दे पर जानकारी जुटाने के लिए विश्वविद्यालय के परिसर में पहुँची। इस दौरान उनके द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देने की बजाय वहाँ मौजूद छात्र-छात्राओं ने उनके साथ न सिर्फ़ अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया बल्कि मारपीट भी की। महिला पत्रकार बार-बार स्टूडेंट्स से उनके मसले के बारे में पूछती रही, लेकिन स्टूडेंट्स ने उनकी एक नहीं सुनी और उनके साथ बदतमीज़ी करते रहे।
शर्मनाक- जेएनयू में ये कौन सी शिक्षा दी जा रही है ? जो महिलाओ के साथ मारपीट सिखाती है, महिला पत्रकारों पर हमला करना सिखाती है @reporter_pooja के ऊपर हमला करने वाले छात्रों को जेनएयू प्रशासन तुरन्त निष्काषित करे। pic.twitter.com/khC31SXJKi
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) November 16, 2019
जिस परिसर में महिला पत्रकार कुछ स्टूडेंट्स से सवाल करती नज़र आ रही है वहाँ मौजूद छात्रों के झुंड में से कुछ ने यह कहकर फ़ब्तियाँ कसी कि ‘इन्हें घेरो मत, मजा लो’। इतना सुनने के बाद जब महिला पत्रकार ने उन शब्दों पर आपत्ति जताते हुए सवाल किया तो उनमें से एक छात्र ने कहा, “यहाँ सब आपका मज़ा ले रहे हैं।”
महिला पत्रकार ने जब पूछा कि आप लोग यहाँ पढ़ाई करने आते हैं या मज़ा लेने आते हैं?
पत्रकार के इस सवाल पर स्टूडेंट्स के झुंड ने एक साथ ‘हिन्दी मीडिया मुर्दाबाद’ के नारे लगाए और मीडियाकर्मियों को कैमरे बंद करने के लिए कहा। वहीं, मीडियकर्मियों ने उनसे आग्रह किया कि वो उन्हें अपना काम करने दें। लेकिन, हमलावर स्टूडेंट्स ने उनकी एक नहीं सुनी और उन्हें वहाँ से चले जाने का दबाव बनाया। बता दें कि इस दौरान हमलावर हुए स्टूडेंट्स और मीडियाकर्मियों के बीच हाथापाई भी हो गई।
इसके पहले, JNU के छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन पर फीस बढ़ाने का आरोप लगा कर विरोध प्रदर्शन भी किया था। इस दौरान छात्रों ने न सिर्फ़ पुलिस के साथ झड़प की, बल्कि महिला प्रोफेसर के साथ भी बदतमीजी की। महिला प्रोफेसर के कपड़े फाड़ने की कोशिश की गई। प्रदर्शनकारी छात्र जेएनयूएसयू के सदस्य और समर्थक हैं, जहाँ वामपंथी छात्र दलों का बोलबाला है। एबीवीपी ने पहले तो छात्रों के विरोध-प्रदर्शन को समर्थन देने का ऐलान किया था, लेकिन आंदोलन उग्र होने के बाद आरोप लगाया कि इसे ग़लत दिशा में भटकाया जा रहा है और समर्थन वापस ले लिया।
हाल ही में, JNU में नई स्थापित हुई स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को बदरंग करते हुए उसके पेडेस्टल पर माओवंशियों ने अपशब्द लिखे गए थे। “भगवा जलेगा”, “Fu&^ BJP” आदि को लाल रंग के पेंट से लिखकर पेडेस्टल को कुरूप बना दिया था। इसकी तस्वीर वैज्ञानिक, लेखक और JNU में मॉलिक्यूलर मेडिसिन के प्रोफ़ेसर आनंद रंगनाथन ने ट्विटर पर शेयर की गई।
BJP is too lenient on these thugs, they should learn hard tactics from Indira Gandhi who closed the JNU for 1 year and ordered d Raja to recite vande matram.
— Don Corleone (@Saffron_Archer1) November 14, 2019
रंगनाथन ने जो तस्वीर शेयर की है, उस प्रतिमा के बारे में उन्होंने बताया कि इसका तो अनावरण भी अभी तक नहीं हुआ था। उसके पहले ही अर्बन नक्सलियों ने इसे अपनी अंधी नफ़रत का शिकार बना दिया।